नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राजनीतिक गलियारों में मची हलचल के बीच मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों की पहली महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया और भविष्य की रणनीति पर मंथन किया। बैठक की शुरुआत बेहद उत्साहपूर्ण माहौल में हुई, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी का ‘हर हर महादेव’ के नारों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद एनडीए की पहली संसदीय दल की बैठक थी।
विपक्ष पर पीएम मोदी का तीखा हमला
एनडीए संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि विपक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग करके एक बड़ी “गलती” की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद के हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान हुई बहस में विपक्ष को “मुंह की खानी पड़ी” और इस मुद्दे को उठाकर “उसने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली”। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्ष “आत्म-क्षति” करने पर तुला हुआ था, और उनकी रणनीति पूरी तरह विफल रही। उनके इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपनी एक बड़ी उपलब्धि मान रही है और विपक्ष के आरोपों को राजनीतिक रूप से खारिज कर रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता पर प्रस्ताव पारित
बैठक के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ की शानदार सफलता के लिए एनडीए के सभी सांसदों द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को उनके साहसिक और निर्णायक नेतृत्व के लिए बधाई दी गई। एनडीए सांसदों ने इन अभियानों को राष्ट्रहित में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बताया और इस पर सरकार के रुख का पुरजोर समर्थन किया। यह प्रस्ताव गठबंधन के भीतर प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर अटूट विश्वास को दर्शाता है।
संवेदना और परिचय का सत्र
इस बैठक में केवल राजनीतिक जीत का जश्न ही नहीं मनाया गया, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी ध्यान रखा गया। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके अतिरिक्त, जो सांसद हाल के चुनावों में पहली बार चुनकर आए हैं, उनका प्रधानमंत्री से परिचय कराया गया, ताकि पार्टी में समन्वय और एकजुटता को और मजबूती मिल सके।
कुल मिलाकर, यह बैठक एनडीए के लिए एक शक्ति प्रदर्शन की तरह थी, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सरकार और प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर मुहर लगाई गई। प्रधानमंत्री के आक्रामक तेवर ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार अपनी नीतियों पर अडिग है और विपक्ष के हर हमले का मजबूती से जवाब देने के लिए तैयार है।