नई दिल्ली। भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर की गई तीखी टिप्पणियों के बाद, यह मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। मंगलवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई के बचाव में उतरीं और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का जोरदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सेना का सबसे अधिक सम्मान करते हैं और शीर्ष अदालत ने उनके बयान का “गलत मतलब” निकाला है।
‘राहुल गांधी का कर्तव्य है सरकार से सवाल पूछना’ – प्रियंका
मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “राहुल गांधी ने हमेशा सैनिकों का आदर किया है। उनके दिल में उन सभी के लिए आदर है।” उन्होंने राहुल गांधी की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा, “वे नेता प्रतिपक्ष हैं और उनका कर्तव्य है सरकार से सवाल पूछना। वे अपना कर्तव्य निभाते हैं।”
प्रियंका गांधी ने संसद की कार्यवाही ठप होने का मुद्दा भी उठाया और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सदन इतने दिनों से नहीं चल रहा है। क्या ये (सरकार) इतने दुर्बल हो गए हैं कि सदन ही नहीं चल रहा है? इन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की तो अब इस मुद्दे पर भी चर्चा कीजिए।” उनका बयान यह दर्शाता है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर रक्षात्मक होने के बजाय सरकार पर পাল্টা हमला करने की रणनीति अपना रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
यह पूरा विवाद 2022 में अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राहुल गांधी से कड़े सवाल पूछे थे।
पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा था, “उन्हें कैसे पता कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है? विश्वसनीय जानकारी क्या है?” जस्टिस दत्ता ने आगे कहा, “अगर आप एक सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे। जब सीमा पार संघर्ष हो रहा हो… तो क्या आप यह सब कह सकते हैं?” सुप्रीम कोर्ट की इन्हीं टिप्पणियों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
राजनीतिक घमासान तेज
सुप्रीम कोर्ट की इस कड़ी टिप्पणी ने केंद्र सरकार और भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है। वहीं, प्रियंका गांधी का मजबूती से बचाव में उतरना यह संकेत देता है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। पार्टी का तर्क है कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी का यह दायित्व है कि वह चीन द्वारा भारतीय भूमि पर अतिक्रमण जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराएं।
अब यह मामला केवल एक कानूनी टिप्पणी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिसके केंद्र में राष्ट्रवाद और सेना का सम्मान है। कांग्रेस पार्टी अब इस धारणा को तोड़ने की कोशिश कर रही है कि उसके नेता सेना का अपमान करते हैं, जबकि भाजपा इसे एक बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर भी घमासान तेज होने की पूरी संभावना है।
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