देहरादून। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 20वीं किस्त जारी की। इस योजना के तहत देश के 9.71 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 20,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डिजिटल रूप से हस्तांतरित की गई। इसी क्रम में, उत्तराखंड के 8,28,787 लाभार्थी किसान परिवारों को भी 184.25 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के गढ़ीकैंट स्थित अपने आवास से इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अन्नदाताओं की आय दोगुनी करने और उनके जीवन स्तर को उठाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस 20वीं किस्त के साथ ही अब तक उत्तराखंड के किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत लगभग 3300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रदान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने 2014 के बाद केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा, “प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा कवच और ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना से किसानों की उपज और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है।”
किसानों के लिए राज्य सरकार की पहल
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं का उल्लेख किया:
-
किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण।
-
फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी।
-
नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त किया गया।
-
पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
-
गेहूं खरीद पर 20 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस और गन्ने के मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी।
बागवानी और मिलेट मिशन पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ‘स्टेट मिलेट मिशन’ और ‘ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं, जिनके तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।
राज्य सरकार की अन्य उपलब्धियों का भी किया जिक्र
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की अन्य उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। राज्य में प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने के बाद लगभग 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है और बेरोजगारी दर में एक वर्ष में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC), सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून और लैंड जिहाद के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी जिक्र किया।
कृषि क्षेत्र में मिले राष्ट्रीय सम्मान
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को “मिलेट सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदेश” का पुरस्कार मिला है। इसके अलावा, नैनीताल के कृषक हर्ष सिंह डंगवाल को “जैविक इंडिया अवार्ड”, उत्तरकाशी को लाल धान के लिए “एक जिला-एक उत्पाद” में द्वितीय स्थान और हरिद्वार व टिहरी को पीएम फसल बीमा योजना में क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।