नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को आगे बढ़ाते हुए भारत समेत दर्जनों देशों पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले के तहत भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत का “रेसिप्रोकल टैरिफ” लगाया जाएगा। वहीं, इस घोषणा में पाकिस्तान के प्रति नरम रुख दिखाते हुए उस पर लगने वाले टैरिफ में कटौती की गई है। राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
भारत पर 25%, कई अन्य देशों पर भी भारी शुल्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार, भारत के अलावा लगभग 70 अन्य देशों पर भी नए टैरिफ थोपे गए हैं। भारत पर जहां 25 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया गया ہے, वहीं ताइवान से होने वाले आयात पर 20 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका पर 30 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन देशों का नाम सूची में शामिल नहीं है, उन सभी पर स्वतः 10 प्रतिशत का टैरिफ लागू माना जाएगा। यह फैसला अमेरिका की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दूसरे देशों द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाने वाले शुल्कों के जवाब में जवाबी कार्रवाई करना है।
पाकिस्तान पर दिखाई नरमी, घटाया टैरिफ
इस टैरिफ घोषणा में सबसे चौंकाने वाला पहलू पाकिस्तान के प्रति ट्रंप का नरम रुख है। जहां एक ओर भारत पर भारी शुल्क लगाया गया है, वहीं पाकिस्तान को बड़ी राहत दी गई है। पहले पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत टैरिफ प्रस्तावित था, जिसे अब घटाकर केवल 19 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह बांग्लादेश पर लगने वाले शुल्क में भी कुछ कमी की गई है। ट्रंप का यह “पाकिस्तान प्रेम” ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका-भारत के रिश्ते रणनीतिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। इस कदम को दक्षिण एशिया में अमेरिका की बदलती व्यापारिक और कूटनीतिक रणनीति के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
7 अगस्त से लागू होंगी नई दरें
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि ये नई टैरिफ दरें 7 अगस्त से पूरी तरह प्रभावी हो जाएंगी। हालांकि, पहले इसकी अंतिम तिथि 1 अगस्त निर्धारित की गई थी, लेकिन अब इसे लागू करने के लिए सात दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया है। इस घोषणा के बाद प्रभावित देशों में व्यापारिक चिंताएं बढ़ गई हैं।
भारत का कड़ा रुख
अमेरिका के इस एकतरफा फैसले पर भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार ने साफ कहा है कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा और भारत अपने हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से वैश्विक व्यापार युद्ध और गहरा सकता है, जिसका असर भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों के साथ-साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।
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