Delhi: उपराष्ट्रपति चुनाव का ऐलान, 9 सितंबर को मतदान

नई दिल्ली: भारत के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग ने यह फैसला किया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए चुनाव प्रक्रिया अगस्त महीने में शुरू हो जाएगी और नतीजे मतदान के दिन ही देर शाम तक घोषित कर दिए जाएंगे।

चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम

चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया 7 अगस्त को शुरू होगी। इसी दिन चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके साथ ही उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त निर्धारित की गई है। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और उम्मीदवारों को नाम वापस लेने का भी अवसर दिया जाएगा। अंततः, यदि एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में रहते हैं, तो 9 सितंबर को सुबह से शाम तक मतदान होगा और उसी दिन मतगणना के बाद विजेता के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कार्यकाल समाप्त होने के मद्देनजर कराया जा रहा है, जिनका पद 22 जुलाई के इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ था।

क्या है चुनाव की प्रक्रिया?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल (Electoral College) के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव से थोड़ी भिन्न होती है। उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में केवल संसद के दोनों सदनों के सदस्य ही शामिल होते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • लोकसभा के सभी निर्वाचित सदस्य (543)

  • राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य (233)

  • राज्यसभा के मनोनीत सदस्य (12)

इस प्रकार, कुल मिलाकर लगभग 788 सांसद इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति चुनाव में राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य (विधायक) भी मतदान करते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। मतदान आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है और यह गुप्त मतदान होता है।

चुनाव आयोग की तैयारी

संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, भारत के चुनाव आयोग को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अधिकार है। इसी के तहत, आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 40 का पालन करते हुए निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों की एक अद्यतन सूची तैयार कर ली है। आयोग ने बताया कि इस सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसमें सभी सांसदों के नाम उनके नवीनतम पतों के साथ वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।

इस घोषणा के साथ ही, अब राजनीतिक दलों में अगले उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर चर्चा और रणनीति का दौर शुरू हो जाएगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिससे आने वाले दिनों में देश की राजनीतिक सरगर्मियां तेज होने की उम्मीद है।

 

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