लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) से बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने की योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को फिलहाल झटका लगा है। राज्य की नोडल निवेश एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ द्वारा जुलाई में आयोजित किया जाने वाला पीएसयू सम्मेलन, देश के बड़े उपक्रमों से तालमेल न बैठ पाने के कारण स्थगित कर दिया गया है। अब यह महत्वपूर्ण सम्मेलन अगस्त में आयोजित करने की तैयारी है, लेकिन इसकी भी कोई निश्चित तिथि अभी तय नहीं की गई है।
सालाना 8.5 लाख करोड़ के निवेश पर नजर
यह सम्मेलन उत्तर प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हर साल देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करते हैं। इसी विशाल निवेश का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश में लाने और औद्योगिक विकास को नई गति देने के उद्देश्य से इन्वेस्ट यूपी ने एक विस्तृत अध्ययन के बाद यह पीएसयू सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई थी। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन आने वाले बड़े पीएसयू को एक मंच पर लाकर उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों से अवगत कराना था।
बड़े उपक्रमों से नहीं बैठ पाया तालमेल
हालांकि, पिछले दो महीनों के सघन प्रयासों के बावजूद, इन्वेस्ट यूपी केंद्र और राज्य सरकार के अधीन आने वाले कई बड़े पीएसयू के शीर्ष अधिकारियों के साथ पूरी तरह से तालमेल नहीं बैठा पाया। इनमें कोल इंडिया, ओएनजीसी (ONGC), भेल (BHEL), गेल (GAIL), पावर ग्रिड, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, सेल (SAIL), इंडियन ऑयल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियर्स इंडिया, आईआरसीटीसी (IRCTC) और कंटेनर कॉरपोरेशन जैसे कई महारत्न और नवरत्न कंपनियां शामिल हैं।
इन्वेस्ट यूपी के सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी चुनौती इन सभी बड़े पीएसयू के शीर्ष अधिकारियों की एक ही समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना रही। लगातार प्रयासों के बाद भी जब एक साथ सभी की सहमति नहीं बन पाई, तो अंततः 16 जुलाई को होने वाले सम्मेलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
अब नई रणनीति से होगी तैयारी
इस स्थगन के बाद अब इन्वेस्ट यूपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। सूत्रों का कहना है कि सम्मेलन अब अगस्त में आयोजित किया जाएगा, लेकिन इस बार कोई भी तिथि तय करने से पहले सभी प्रमुख पीएसयू के अधिकारियों से उनकी उपलब्धता की पुष्टि की जाएगी, ताकि सम्मेलन को दोबारा स्थगित करने की नौबत न आए। इस बार कोशिश यह है कि किसी भी हाल में बड़े पीएसयू इस सम्मेलन में जरूर शामिल हों, जिससे राज्य में बड़े निवेश की संभावनाओं को हकीकत में बदला जा सके। यह स्थगन इन्वेस्ट यूपी के लिए एक सबक है और यह दर्शाता है कि बड़े सार्वजनिक उपक्रमों से निवेश आकर्षित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसके लिए मजबूत समन्वय और योजना की आवश्यकता होती है।