शिमला। हिमाचल प्रदेश में हालिया आपदा से हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार शाम शिमला लौट आए हैं। अब राज्य सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाएगी, जिसमें आपदा प्रभावितों के लिए एक विस्तृत राहत पैकेज का खाका तैयार किया जाएगा और उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए आर्थिक मदद हासिल करना था। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर हिमाचल की विकट स्थिति से उन्हें अवगत कराया और एक विशेष राहत पैकेज देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही प्रदेश का दौरा कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्वयं जायजा लेंगे।
केंद्र के समक्ष रखीं कई महत्वपूर्ण मांगें
अपने दिल्ली दौरे में मुख्यमंत्री ने न केवल राहत पैकेज की मांग की, बल्कि प्रदेश के सामने मौजूद अन्य चुनौतियों पर भी केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान आकर्षित किया। एक महत्वपूर्ण मांग में, मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं पर वैज्ञानिक अध्ययन करवाने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि भविष्य के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू और 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया से भी मुलाकात कर प्रदेश से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इन बैठकों का उद्देश्य सड़क, हवाई संपर्क और वित्तीय मामलों में केंद्र से सहयोग प्राप्त करना था।
राज्य स्तर पर राहत की तैयारी, मंडी को 5 करोड़ जारी
दिल्ली से लौटने के बाद अब राज्य सरकार का पूरा ध्यान प्रदेश स्तर पर राहत कार्यों को अंतिम रूप देने पर है। जल्द ही होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में आपदा प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता, पुनर्निर्माण कार्यों और पुनर्वास के लिए एक विस्तृत पैकेज को मंजूरी दी जाएगी।
इसी बीच, राज्य सरकार ने तत्काल राहत प्रदान करते हुए मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। राजस्व विभाग द्वारा जारी इस राशि में से दो-दो करोड़ रुपये सड़कों की मरम्मत और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने के लिए हैं, जबकि एक करोड़ रुपये की राशि उपायुक्त मंडी को तत्काल राहत कार्यों के लिए जारी की गई है।
मुख्यमंत्री का यह दिल्ली दौरा और उसके बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक, प्रदेश सरकार की दोहरी रणनीति को दर्शाती है – एक तरफ केंद्र से अधिकतम सहायता प्राप्त करना और दूसरी तरफ राज्य स्तर पर तेजी से राहत पहुंचाना। प्रतिकूल मौसम के कारण मुख्यमंत्री को चंडीगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा शिमला लौटना पड़ा, जो प्रदेश में मौजूदा मौसमी चुनौतियों को भी रेखांकित करता है।