नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन और हवाई संपर्क को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाकात की। इस उच्च-स्तरीय बैठक में, मुख्यमंत्री ने राज्य की हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए कई अहम मांगें रखीं, जिनमें कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, नई उड़ानें शुरू करना और मौजूदा हवाई अड्डों पर सुविधाओं का उन्नयन शामिल है।
दैनिक उड़ानें और नाइट लैंडिंग पर जोर
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से दिल्ली-शिमला-धर्मशाला और धर्मशाला-शिमला-दिल्ली रूट पर दैनिक उड़ानें संचालित करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ये उड़ानें सप्ताह में केवल तीन दिन ही संचालित हो रही हैं, जिससे पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। दैनिक उड़ानों से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, धर्मशाला हवाई अड्डे पर रात्रि लैंडिंग (Night Landing) की सुविधा शुरू करने का भी अनुरोध किया गया, ताकि उड़ानों का संचालन देर शाम तक हो सके, जिससे उड़ानों के शेड्यूल में अधिक लचीलापन आएगा।
कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार के लिए मांगी विशेष सहायता
बैठक का एक मुख्य केंद्र बिंदु कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार रहा, जो प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। श्री सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को परियोजना की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग की। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण की लागत बहुत अधिक है, जिसके लिए केंद्र के सहयोग की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि यह मुद्दा पहले प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाया जा चुका है और उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से निरंतर समर्थन का आग्रह किया, ताकि इस क्षेत्र का विकास तेजी से हो सके।
नए हेलीपोर्ट और शिमला एयरपोर्ट का उन्नयन
हवाई संपर्क को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य में चार नए हेलीपोर्ट के निर्माण का भी अनुरोध किया, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो सकेगी। शिमला हवाई अड्डे के विस्तार और सुविधाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से शिमला हवाई अड्डे पर परिचालन के घंटों को दोपहर 1 बजे के बाद भी बढ़ाने का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर शिमला के लिए भी डोर्नियर-प्रकार के विमानों का संचालन शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिमला के लिए उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए अतिरिक्त ऑपरेटरों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह बैठक हिमाचल प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी को एक व्यापक रूप से सुधारने की एक ठोस पहल थी। यदि केंद्र इन मांगों को मंजूरी देता है, तो यह राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रधान आवासीय आयुक्त सुशील कुमार सिंगला और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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