प्योंगयांग। यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़े रूस को उत्तर कोरिया से एक बड़ा और खुला समर्थन मिला है। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने घोषणा की है कि उनका देश यूक्रेन के मसले पर रूस को बिना शर्त समर्थन दे रहा है और इस संघर्ष में हर कदम पर उसके साथ खड़ा है। यह महत्वपूर्ण बयान किम ने उत्तर कोरिया के दौरे पर आए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक बैठक के दौरान दिया। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक और सैन्य साझेदारी को दर्शाती है, जो पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
सैन्य सहायता और गोला-बारूद की बड़ी खेप
यह केवल एक कूटनीतिक बयानबाजी नहीं है, बल्कि जमीन पर इसका असर भी दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स और विशेष रूप से दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसी के दावों के अनुसार, उत्तर कोरिया यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद के लिए बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता भेज रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्योंगयांग ने अब तक रूस की ओर से लड़ने के लिए लगभग 10,000 सैनिक यूक्रेन भेजे हैं।
इसके अलावा, युद्ध के मैदान में तोपखानों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, उत्तर कोरिया ने रूस को भारी मात्रा में गोला-बारूद की आपूर्ति की है। दक्षिण कोरिया का अनुमान है कि उत्तर कोरिया अभी तक रूस को एक करोड़ 20 लाख से अधिक तोप और टैंक के गोले मुहैया करा चुका है। माना जा रहा है कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का यह तीन दिवसीय दौरा इसी सैन्य आपूर्ति को और सुचारू बनाने तथा भविष्य की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया है।
रक्षा समझौते से मजबूत हुई दोस्ती
किम जोंग उन और लावरोव के बीच यह बैठक तटवर्ती शहर वोनसान में हुई। बैठक के दौरान किम ने लावरोव को आश्वासन दिया कि वह यूक्रेन में रूसी नेतृत्व के फैसलों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश मिलकर “विश्व शांति” के लिए काम करने को तैयार हैं।
दोनों देशों के बीच यह घनिष्ठता इसी साल 2024 में हुए एक रक्षा समझौते पर आधारित है। इस समझौते के तहत एक महत्वपूर्ण क्लॉज यह है कि यदि दोनों में से किसी भी देश पर कोई बाहरी शक्ति हमला करती है, तो दूसरा देश उसकी रक्षा के लिए सैन्य हस्तक्षेप करेगा। यह समझौता शीत युद्ध के दौर की याद दिलाता है और इस क्षेत्र में एक नए सुरक्षा समीकरण को जन्म दे रहा है।
पड़ोसियों को उत्तर कोरिया की चेतावनी
एक ओर जहाँ उत्तर कोरिया रूस के साथ अपनी दोस्ती मजबूत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसने अपने पड़ोसियों, जापान और दक्षिण कोरिया, के प्रति अपना आक्रामक रुख भी जाहिर कर दिया है। रविवार को उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी कि यदि इन देशों की ओर से उसकी सुरक्षा को कोई भी खतरा उत्पन्न होता है, तो उसकी सेना सीधी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी। यह चेतावनी हाल ही में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा आयोजित एक संयुक्त हवाई अभ्यास के बाद आई है, जिसमें अमेरिका के परमाणु-सक्षम बी-52 बमवर्षक विमान ने भी हिस्सा लिया था। यह घटनाक्रम कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव को और बढ़ा रहा है।
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