Himachal: मुख्यमंत्री ने थुनाग में आपदा प्रभावित क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर बनाने के दिये निर्देश

शिमला/मंडी। हिमाचल प्रदेश में आपदा से उत्पन्न गंभीर स्थिति के बीच, बुधवार शाम को थुनाग रेस्ट हाउस में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एक साथ हिस्सा लिया और हाल ही में भारी बारिश और बादल फटने से बुरी तरह प्रभावित हुए सराज क्षेत्र में हुए नुकसान और चल रहे राहत-बचाव कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।

बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सड़कों की बहाली और बाधित जल व बिजली आपूर्ति योजनाओं को फिर से शुरू करने के काम में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। उन्होंने दोहराया कि वह जल्द ही दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज की मांग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, बिजली और पानी की योजनाओं के लिए तत्काल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि 56 किलोमीटर लंबी चैल चौक-जंजैहली सड़क को मजबूत करने के लिए केंद्रीय सड़क और अवसंरचना निधि (CRIF) के तहत प्रस्तावित किया जाएगा और इसकी डीपीआर एक सप्ताह के भीतर तैयार करने को कहा।

उन्होंने अधिकारियों को नेता प्रतिपक्ष के साथ भी निकटता से समन्वय स्थापित करने और प्रमुख योजनाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया ताकि अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से राहत प्रयासों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि विनाश के बड़े पैमाने के बावजूद, 60 प्रतिशत पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को बेली और सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर कनेक्टिविटी बहाल करने को कहा, जिसके लिए सरकार आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराएगी।

पुनर्वास के मुद्दे पर हुई विस्तृत चर्चा

बैठक में मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने उन परिवारों के पुनर्वास के मुद्दे पर भी गंभीरता से चर्चा की, जिन्होंने इस तबाही में अपनी जमीन और घर खो दिए हैं। जयराम ठाकुर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बादल फटने की घटनाओं से व्यापक विनाश हुआ है और सर्दियों के आगमन के साथ, उन लोगों के पुनर्वास को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता है जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है।

इस पर मुख्यमंत्री ने मंडी के उपायुक्त (DC) को प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए सुरक्षित स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां तत्काल आश्रय प्रदान करने के लिए प्री-फैब्रिकेटेड संरचनाएं (Prefabricated Structures) स्थापित की जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को बागवानों को हुए नुकसान का आकलन करने का भी निर्देश दिया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर और नरेश चौहान भी उपस्थित थे।

 

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