Himachal: राज्यपाल ने राहत सामग्री को दिखाई हरी झंडी, लोगों से की सहयोग की अपील

शिमला।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के कुछ क्षेत्रों में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन से आवश्यक राहत सामग्री से भरे तीन ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह राहत सामग्री राज्य रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से मंडी जिला प्रशासन को भेजी जा रही है ताकि आपदाग्रस्त परिवारों तक तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।

इस राहत खेप में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 540 कंबल, 500 तिरपाल, कपड़ों के 20 बक्से, रसोई सेट, बाल्टियां और अन्य आवश्यक घरेलू सामान शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों को तत्काल राहत प्रदान करना है जिन्होंने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया है।

इस अवसर पर बोलते हुए, राज्यपाल ने मंडी जिले के थुनाग और आसपास के क्षेत्रों में हुए भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सड़कों के क्षतिग्रस्त होने, भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़ के कारण संपर्क टूटने से उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति पर दुख जताया। राज्यपाल ने बचाव और राहत कार्यों में जिला प्रशासन, सशस्त्र बलों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना की।

राज्यपाल ने आम जनता से अपील की कि वे अधिकारियों के साथ सहयोग करें और बचाव स्थलों पर किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने से बचें। उन्होंने कहा, “स्थानीय लोगों को इलाके की बेहतर जानकारी होती है, और उनका सहयोग यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि जरूरतमंदों तक मदद जल्दी और कुशलता से पहुंचे।” उन्होंने यह भी बताया कि वह स्थिति का व्यक्तिगत रूप से आकलन करने और पीड़ितों से मिलने के लिए उचित समय पर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बना रहे हैं।

राज्यपाल शुक्ल ने आश्वासन दिया कि रेड क्रॉस के माध्यम से राहत के प्रयास जारी रहेंगे और यदि आवश्यक हुआ, तो अन्य माध्यमों से और अधिक सहायता की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने प्रदेश के लोगों से आगे आने और प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करने का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने इस बरसात के मौसम के दौरान सभी को अपने स्तर पर सतर्क रहने की अपील की और पर्यटकों से नदियों और नालों के बहुत करीब न जाने का आग्रह किया।

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बार-बार हो रही प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, राज्यपाल ने नागरिकों के बीच पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे और नीति-निर्माण से जुड़े सभी विभागों से परामर्श करने और राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए एक व्यापक और स्थायी रणनीति तैयार करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी उपस्थित थे।

 

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