Punjab: नीति आयोग की बैठक में सीएम मान ने उठाए पंजाब के जल और अन्य मुद्दे – The Hill News

Punjab: नीति आयोग की बैठक में सीएम मान ने उठाए पंजाब के जल और अन्य मुद्दे

दिल्ली: नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बीबीएमबी और पानी के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब किसी भी अन्य राज्य को अतिरिक्त पानी देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि राज्य के 153 में से 115 ब्लॉक डार्क जोन में हैं और भूजल का 76.10 प्रतिशत तक दोहन हो चुका है।

बीबीएमबी के फैसलों पर आपत्ति, SYL पर नया प्रस्ताव

मुख्यमंत्री मान ने बीबीएमबी के फैसलों पर भी आपत्ति जताई। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) के मुद्दे पर उन्होंने इसे यमुना-सतलुज लिंक (YSL) करने का सुझाव दिया। उन्होंने 12 मार्च 1954 को पंजाब और उत्तर प्रदेश के बीच हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत पंजाब को यमुना से दो-तिहाई पानी मिलना चाहिए।

सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता की मांग

मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती इलाके में रहने वाले किसानों के मुआवजे को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष से बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने, बॉर्डर विंग होम गार्ड के जवानों का भत्ता 65 रुपये से बढ़ाकर 655 रुपये करने, और सीमावर्ती क्षेत्रों में नशा और हथियार तस्करी रोकने के लिए पंजाब पुलिस को मजबूत करने हेतु 2,829 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि की मांग की।

चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब के अधिकारियों की तैनाती का मुद्दा

सीएम मान ने चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की 60-40 के अनुपात में तैनाती के नियम का पालन न होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में एजीएमयूटी और दानिक्स कैडर के अधिकारियों का दबदबा बढ़ रहा है और पंजाब के अधिकारियों को उन पदों पर तैनात नहीं किया जा रहा है, जिन पर पहले उनकी तैनाती होती थी। उन्होंने चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बताते हुए 60-40 के अनुपात के पालन की मांग की।

अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति और आर्थिक कॉरिडोर का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की बकाया राशि जारी करने की मांग की, जो 2017-18, 2018-19 और 2019-20 से लंबित है। उन्होंने बताया कि पंजाब में 31.94 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है, जो देश में सबसे अधिक है। उन्होंने केंद्र से 938.26 करोड़ रुपये की बकाया राशि देने की भी मांग की।

पंजाब के विकास के लिए उन्होंने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के साथ एक आर्थिक कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसमें लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, गुरदासपुर, पटियाला, संगरूर और मलेरकोटला को शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक कॉरिडोर राष्ट्र की तरक्की में अहम योगदान देगा।

 

Pls read:Punjab: हरियाणा के जल बँटवारे के दावों को पंजाब ने बताया भ्रामक प्रचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *