पंजाब सरकार ने राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए 1000 डॉक्टरों की भर्ती करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है और भर्ती प्रक्रिया बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंस, फरीदकोट को सौंपी गई है। इस कदम से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पंजाब के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है, जिस पर विधानसभा में भी कई बार चर्चा हो चुकी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी भी एक बड़ी चिंता का विषय है. इससे पहले सरकार ने 400 डॉक्टरों की भर्ती की थी, लेकिन उनमें से 30% ने ज्वाइन नहीं किया था। इस बार एक साथ बड़ी संख्या में भर्ती करके अधिक डॉक्टरों को आकर्षित करने और भविष्य में रिक्तियों को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 72% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. नर्सिंग स्टाफ की भी कमी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 336 डॉक्टरों की आवश्यकता के मुकाबले केवल 55 विशेषज्ञ डॉक्टर ही कार्यरत हैं, जिससे 281 डॉक्टरों की कमी है. वर्ष 2005 की तुलना में यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है. सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नर्सिंग स्टाफ के 2018 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 1114 ही कार्यरत हैं, जिससे 904 पद रिक्त हैं।
इस भर्ती अभियान से राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
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