देहरादून। भारतीय युवा खेल परिषद की फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना आनंद मेहतो खुद बारहवीं पास है। उसने नोएडा में एक आलीशान कार्यालय खोला हुआ था। और आफिस के बाहर भारतीय युवा खेल परिषद का बोर्ड लगाया हुआ था।
एसटीएफ ने पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर हिरास्त में ले लिया है। पूछताछ में आरोपित आनंद मेहतो ने एसटीएफ को बताया कि कुछ माह पहले उसकी मुलाकात बिहार निवासी मनीष कुमार से हुई थी औऱ दोनों ने मिलकर पूरे धंधे की योजना बनाई। मेहतो ने एक अन्य आरोपी योगेंद्र कुमार के साथ मिलकर भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और फर्जी आइडी पर एक सिम लेकर फोन नंबर उसमें दे दिया। वेबसाइट पर नौकरी के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा थी, लेकिन उसकी फीस थी सात सौ रुपये। इसके अलावा युवक और युवतियों को एजेंट भी रखा गया। कमीशन एजेंट के इच्छुक युवकों से भारतीय युवा खेल परिषद में प्रशिक्षण और नौकरी के नाम पर डेढ़ से दो लाख रुपये यूथ एसोसिएशन के नाम से खोले गए खाते में जमा कराते थे। गिरोह ने युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग से प्रशिक्षक भी रखे थे, जिन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता था।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह युवाओं को झांसे में लेने के लिए आलीशान कार्यालय खोलते थे। कुछ समय ठगी करने के बाद वह कार्यालय बदल लेते थे। आरोपितों की ओर से फर्जी नियुक्तिपत्र भी तैयार किए हुए थे। यह नियुक्तिपत्र उन युवक-युवतियों को दिए जाते थे, जो कि डेढ़ से दो लाख रुपये की धनराशि दे देते थे। वेबसाइट पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की फोटो व वीडियो अपलोड किए हुआ थे।