उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में भाजपा के सामने 2017 में किये प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती रहेगी। वहीं, सपा ने अपने गढ़ को बचाने के लिए मुस्लिम और यादव के साथ ही दूसरी जातियों को भी साधने की रणनीति बनाई है। सपा के लिए यहां अपनी ताकत दिखाने का भी मौका है।
तीसरे चरण में कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरेया, एटा, इटावा, कन्नौज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हमीरपुर, हाथरस, जालौन, झांसी, कासगंज, ललितपुर और महोबा में मतदान होना है। वर्ष 2017 के विस चुनाव में भाजपा को 59 में से 49 सीटें, सपा को 8 और बसपा व कांग्रेस को एक-एक सीट मिली थी। इस चरण में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। भाजपा के नेताओं का मानना है कि पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन और पूर्वांचल में सपा-सुभासपा सहित छोटे दलों के गठबंधन से संभावित नुकसान की भरपाई के लिए तीसरे, चौथे व पांचवें चरण में अधिकाधिक सीटों पर विजय जरूरी है।