त्रिवेंद्र पहले करते रहे प्रचार फिर अचानक चुनाव लड़ने से किया इंकार, क्या रही मजबूरी – The Hill News

त्रिवेंद्र पहले करते रहे प्रचार फिर अचानक चुनाव लड़ने से किया इंकार, क्या रही मजबूरी

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पद से हटने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में बेहद सक्रिय थे। विधानसभा क्षेत्र में लगातार प्रचार प्रसार कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। अचानक बुधवार को उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा दिया कि उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे त्रिवेंद्र को इंकार करना पड़ा। पार्टी के उच्च पदस्थत सूत्रों की मानें तो त्रिवेंद्र ने यह पत्र केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर लिखा है। पार्टी नहीं चाह रही थी कि वह चुनाव लड़े।

त्रिवेंद्र रावत सीएम पद से हटाये जाने के बाद से अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। सीएम पद से हटने के बाद माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी केंद्रीय संगठन में बड़ा जिम्मा देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सीएम धामी के आने के बाद उनके कई फैसलों को पलटा गया तो वह मन मसोस कर रह गए। अब उनको चुनाव नहीं लड़ने से भी रोक दिया गया। इससे साफ है कि त्रिवेंद्र प्रदेश की राजनीति से साफ हो जाएंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने साफ संकेत दिये हैं कि प्रदेश की सियासत से दूर रहो। इससे पहले पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी ऐसा हो चुका है जब उन्हें केंद्र की राजनीति में लाने से पहले साइडलाइन कर दिया था। उसके बाद उनको सांसद का टिकट दिया लेकिन मंत्री नहीं बनाया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जाकर उनको मंत्री पद दिया, जिससे अब उनको बाहर कर दिया है। त्रिवेंद्र भी लगभग कुछ इसी तरह से साइडलाइन किये गए हैं।

 

सौरभ थपलियाल हो सकते हैं डोईवाला से प्रत्याशी

त्रिवेंद्र रावत के डोईवाल सीट से हटने के बाद अब भाजपा वहां किसी दमदार नेता को तलाश रही है। यह तो साफ है कि त्रिवेंद्र के किसी करीबी को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी किसी नए चेहरे को वहां से उतारेगी। इसके लिए सौरभ थपलियाल इसके लिए सबसे प्रबल दावेदार बन सकते हैं। सौरभ का भाजयुमो में बेहतरीन कार्यकाल रहा है और क्षेत्र में भी मजबूत पकड़ है।

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