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कुछ समय पहले गुजरात में पकड़े गए ट्रकों में मिले फर्जी ई-वे बिल व फर्जी इनवाइस ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और शिखर पान मसाला के मालिकान के बीच चल रही सांठगांठ की पोल खोल दी। ट्रकों को पकड़ने के बाद डीजीजीआई की टीम ने लंबे समय तक रेकी की। इसके बाद बुधवार को सबसे पहले शिखर पान मसाला वालों के यहां और ट्रांसपोर्टर के यहां छापा मारा। यहां से पीयूष जैन के नाम से कई फर्जी बिल मिले। बस यहीं से पीयूष टीम के निशाने पर आ गया। कन्नौज में कार्रवाई के दौरान उसके घर से मिली डायरी ने भी तीनों को घेरने का काम किया। डायरी में इन दोनों के नाम के साथ ही उनसे लेनदेन, माल सप्लाई आदि का भी जिक्र है। सूत्रों के अनुसार गुजरात में पकड़े गए ट्रकों के बाद पता चला था कि माल लिखा पढ़ी में कहीं और दिखाया जाता था और असल में जाता कहीं और था।
जांच में पता चला कि ज्यादातर कारोबार कैश में किया जाता था। अलग-अलग स्थानों पर जाने वाले माल में कमीशन भी लिया जाता था। हर दिन दिन बड़ी संख्या में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग दिखाई जाती थी।
ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन पर और उनके गुर्गों पर अगस्त में स्टेट जीएसटी अफसरों के ऊपर फायरिंग करके सुपाड़ी लदा ट्रक छुड़ाने का आरोप लगा था। स्टेट जीएसटी के अफसरों ने फतेहपुर में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।