देहरादून। उत्तराखंड सरकार का महत्त्वाकांक्षी अभियान जन जन की सरकार जन जन के द्वार अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह कार्यक्रम केवल फाइलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि इसे एक निर्णायक गेम चेंजर बनाना है। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाएं या कमजोर वर्ग के लोग शिविरों तक नहीं आ सकते, अधिकारी उनके घर तक खुद चलकर जाएं और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यह अभियान किसी भी हालत में एक औपचारिकता बनकर नहीं रह जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्याएं केवल सुनी नहीं जानी चाहिए बल्कि प्रशासन को उनके समाधान का हिस्सा बनना होगा। जहां भी संभव हो मौके पर ही कार्रवाई की जाए और जहां समय लगे वहां एक तय समय सीमा बताई जाए। धामी ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर किसी क्षेत्र से खराब फीडबैक आया तो वहां दोबारा कैंप लगाया जाएगा और यह संबंधित अधिकारियों के लिए सख्त संदेश होगा।
शिविरों के स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इनका आयोजन एक उत्सव की तरह होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय भाषाओं जैसे गढ़वाली और कुमाऊंनी में इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि आम जनता आसानी से इससे जुड़ सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे खुद इन शिविरों का औचक निरीक्षण करेंगे जैसा कि उन्होंने हाल ही में अल्मोड़ा में किया था। अब तक इस अभियान में 56 हजार 550 से ज्यादा लोग हिस्सा ले चुके हैं।
धीमी गति से काम करने वाले विभागों को चिन्हित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हफ्ते की प्रगति रिपोर्ट सीधे उनके कार्यालय भेजी जाए। उन्होंने महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों और युवक मंगल दलों की भागीदारी सुनिश्चित करने को भी कहा। जनप्रतिनिधियों को नसीहत देते हुए धामी ने कहा कि वे मंच तक सीमित न रहें बल्कि स्टॉल पर जाकर लोगों से संवाद करें और उनकी मदद करें।
आधार कार्ड अपडेट और आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाओं को कैंप में ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कैंप के बाद फीडबैक सर्वे होना चाहिए और लाभार्थियों से एसएमएस या कॉल के जरिए पुष्टि की जानी चाहिए कि उनकी समस्या हल हुई या नहीं। उनका कहना है कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनकी सुविधादाता है न कि कोई बाधा। बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन और अपर सचिव बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।