देहरादून। उत्तराखंड में आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में इस महत्वपूर्ण कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए 167 नए अधिकारियों की तैनाती की गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने इसके लिए विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। ये नए अधिकारी 167 अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानी एईआरओ के रूप में काम करेंगे और प्रदेश की 70 विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इस नई तैनाती से पहले प्रदेश में निर्वाचन संबंधी कार्यों के लिए एसडीएम स्तर के 70 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानी ईआरओ और तहसीलदार स्तर के 268 एईआरओ पहले से ही तैनात हैं। अब इन 167 नए अधिकारियों के जुडऩे के बाद प्रदेश में कुल एईआरओ की संख्या बढ़कर 435 हो जाएगी। यह पूरी टीम मिलकर आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण और उससे जुड़ी तैयारियों को अंजाम देगी।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग द्वारा नियुक्त किए गए ये 167 अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विशेष रूप से आगामी गहन पुनरीक्षण के लिए ही तैनात किए गए हैं। इन पदों पर मुख्य रूप से खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त और चकबंदी अधिकारियों जैसे प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बीएलओ आउटरीच अभियान के तहत बूथ लेवल ऑफिसर्स यानी बीएलओ को मतदाताओं से सीधा संपर्क, समन्वय और संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। ईआरओ और एईआरओ इस अभियान की नियमित निगरानी करेंगे और देखेंगे कि बीएलओ द्वारा किया जा रहा काम सही दिशा में है या नहीं।
जिलेवार तैनात किए गए नए एईआरओ की सूची भी जारी की गई है। इसके मुताबिक उत्तरकाशी में 11, चमोली में 20, रुद्रप्रयाग में 8, टिहरी गढ़वाल में 12, देहरादून में 13, हरिद्वार में 19, पौड़ी गढ़वाल में 20, पिथौरागढ़ में 14, बागेश्वर में 3, अल्मोड़ा में 12, चंपावत में 6, नैनीताल में 11 और उधमसिंह नगर में 18 नए एईआरओ तैनात किए गए हैं। इस तैनाती से मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में तेजी और सटीकता आने की उम्मीद है।