देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जनपद के विकास खंड पोखरी में एक स्कूल के पास हुए भालू के हमले की घटना ने सबको हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए अपनी संवेदनशीलता दिखाई है। उन्होंने भालू के हमले में घायल हुए पीड़ित छात्र से फोन पर सीधी बात की और उसका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने छात्र को ढांढस बंधाया और उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मुश्किल वक्त में राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
लेकिन इस घटना का एक पहलू और भी है जिसने मुख्यमंत्री का दिल जीत लिया। वह है दो साहसी छात्राओं दिव्या और दीपिका की बहादुरी। घटना के दौरान इन दोनों छात्राओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए भालू से बच्चों की जान बचाई थी। मुख्यमंत्री ने इन दोनों छात्राओं से भी बात की और उनकी बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में जिस धैर्य और जिम्मेदारी का परिचय इन बेटियों ने दिया है वह पूरे प्रदेश के लिए गर्व और प्रेरणा की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सुरक्षा करना असाधारण साहस है। उन्होंने दोनों छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि राज्य सरकार ऐसे साहसी बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करेगी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और वन विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत गश्त बढ़ाई जाए और स्कूलों, आंगनबाड़ियों तथा आबादी वाले इलाकों के आसपास सुरक्षा के अतिरिक्त और पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने साफ कर दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने घायल छात्र को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे नियमित निगरानी रखें और स्थानीय लोगों में सुरक्षा का विश्वास पैदा करें। पुष्कर सिंह धामी ने दोहराया कि बच्चों की सुरक्षा उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।