पटना. बिहार विधानसभा में नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद सदन की कार्यवाही के दौरान माहौल काफी दिलचस्प देखने को मिला। नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार के आसन ग्रहण करने के बाद सदन को संबोधित करते हुए महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने बहुत ही सधे हुए शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने न केवल संसदीय लोकतंत्र की गरिमा पर जोर दिया बल्कि विपक्ष की भूमिका को लेकर भी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी। तेजस्वी यादव ने सदन में साफ तौर पर कहा कि विपक्ष यहां केवल रस्म अदायगी या औपचारिकता पूरी करने के लिए नहीं बैठा है, बल्कि उनका एकमात्र संकल्प बिहार को देश का अव्वल राज्य बनाना है।
अपने संबोधन की शुरुआत में तेजस्वी यादव ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रेम कुमार को बधाई दी और उन्हें उनकी कर्मभूमि गया की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रेम कुमार उस धरती से आते हैं जिसे ज्ञान और मोक्ष की नगरी कहा जाता है। ऐसे में पूरे सदन को उनसे यह उम्मीद है कि वह नियमावली का पालन करते हुए पूरी निष्पक्षता के साथ सदन का संचालन करेंगे। तेजस्वी ने संसदीय गणित का जिक्र करते हुए अध्यक्ष को सलाह दी कि सत्ता पक्ष के पास तो बहुमत का संख्या बल मौजूद है, इसलिए आसन की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह विपक्ष के संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। लोकतंत्र का संतुलन बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि विपक्ष की आवाज को दबने न दिया जाए।
तेजस्वी ने सरकार और विपक्ष के संबंधों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी सरकार का ही एक महत्वपूर्ण अंग होता है। सत्ता पक्ष के लोगों से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या विद्वेष नहीं है। हालांकि, उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर सत्ताधारी दल जनहित के मुद्दों से भटकेगा या कोई गलती करेगा, तो विपक्ष उसे आईना दिखाने में जरा भी संकोच नहीं करेगा। विपक्ष पूरी मजबूती के साथ सरकार की कमियों को उजागर करेगा ताकि जनता के हितों की रक्षा हो सके।
सदन में अपने संकल्प को दोहराते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका लक्ष्य एक नया बिहार बनाना है। एक ऐसा बिहार जो बेरोजगारी के दंश, पलायन की पीड़ा और गरीबी के अभिशाप से मुक्त हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य के विकास के लिए उठाए गए हर सकारात्मक कदम पर विपक्ष सरकार का सहयोग करेगा, लेकिन अगर जनता के हक की अनदेखी की गई तो इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना भी की।
अपने संबोधन के अंत में तेजस्वी ने सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष इस गलतफहमी या मुगालते में न रहे कि विपक्ष कमजोर है। महागठबंधन एक जिम्मेदार और धारदार विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की 14 करोड़ जनता की उम्मीदें और भरोसा उनके साथ खड़ा है, इसलिए वे पूरी ताकत के साथ जनता की आवाज को सदन के भीतर और बाहर उठाते रहेंगे।
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