Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित – The Hill News

Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित

नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया है, लेकिन पहले ही दिन सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्ष के तीखे तेवरों और नारेबाजी के चलते लोकसभा की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र की शुरुआत से पहले ही विपक्ष ने अपनी रणनीति साफ कर दी थी, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्षी दलों की एक अहम बैठक हुई थी। हालांकि रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सकारात्मक चर्चा पर सहमति बनी थी, लेकिन सदन के भीतर का नजारा इसके बिल्कुल उलट रहा।

सत्र के पहले दिन सबसे ज्यादा चर्चा एसआईआर यानी ‘सिस्टम ऑफ आइडेंटिटी रजिस्ट्री’ (संभावित संदर्भ) और प्रदूषण जैसे मुद्दों की रही। विपक्ष इन मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहा था। इसी मांग को लेकर शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। शोर-शराबे के चलते लोकसभा की कार्यवाही पहले 11 बजकर 41 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जब 12 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष का विरोध जारी रहा। इसके बाद पीठासीन अधिकारी को कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन के बाहर भी जुबानी जंग तेज रही। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर तीखा पलटवार किया जिसमें उन्होंने विपक्ष के रवैये को ‘ड्रामा’ बताया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि संसद में जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों को उठाना कोई ड्रामा नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव की स्थिति, एसआईआर और प्रदूषण जैसे गंभीर विषयों पर बात होनी चाहिए। प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि असल में ड्रामा वह है जब चर्चा की इजाजत नहीं दी जाती और लोकतांत्रिक तरीके से जनता के सवालों पर बात नहीं की जाती।

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने एसआईआर के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है, जबकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अभी चुनाव भी नहीं हैं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार एसआईआर के जरिए नकली डेटा पेश कर रही है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी इस पर ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उन इलाकों में मतदाताओं के नाम हटा रही है जहां वह चुनाव नहीं जीत पाती। फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इसे भारत के संविधान पर हमला बताया।

हंगामे के बीच संसद में कुछ औपचारिक कार्य भी हुए। सत्र की शुरुआत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अभिनेता धर्मेंद्र के उल्लेखनीय कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभापति का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने सभापति को बधाई देते हुए भरोसा दिलाया कि सदन के सभी सदस्य उच्च सदन की गरिमा को बनाए रखेंगे और सहयोग करेंगे। बहरहाल शीतकालीन सत्र के पहले दिन के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिल सकती है।

 

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