दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली 2-0 की करारी शिकस्त ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप यानी डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को गहरा झटका दिया है। गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में मिली ऐतिहासिक हार के बाद टीम इंडिया डब्ल्यूटीसी की प्वाइंट्स टेबल में खिसक कर अब पांचवें नंबर पर पहुंच गई है। भारत के नीचे गिरने का सीधा फायदा पाकिस्तान को मिला है जो अब 50 प्रतिशत अंकों के साथ चौथे स्थान पर काबिज हो गया है। वहीं भारतीय टीम का प्रतिशत गिरकर 48.15 रह गया है।
गुवाहाटी में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में भारत को महज 140 रनों पर ढेर कर दिया और 408 रनों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की। रनों के लिहाज से यह टेस्ट इतिहास में भारत की अब तक की सबसे बड़ी हार है। वहीं दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जीत ऐतिहासिक मायने रखती है। करीब 25 साल बाद दक्षिण अफ्रीका ने भारत की धरती पर कोई टेस्ट सीरीज जीती है। इससे पहले साल 2000 में हैंसी क्रोनिए की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 2-0 से हराया था। इसके बाद से 2024 तक खेले गए 13 टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका केवल 2 ही मैच जीत पाई थी लेकिन अब इतिहास बदल गया है।
इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद भारत के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल के समीकरण बेहद उलझ गए हैं। भारत ने मौजूदा चक्र (2025-27) में अब तक कुल 9 मैच खेले हैं। इनमें से उसे 4 में जीत और 4 में हार का सामना करना पड़ा है जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। नियमों के अनुसार हर जीत पर 12 अंक मिलते हैं लेकिन भारत अभी तक कुल 108 अंकों में से सिर्फ 52 अंक ही हासिल कर पाया है। इसी खराब प्रदर्शन के कारण टीम पांचवें स्थान पर लुढ़क गई है।
अब भारत को फाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। भारत को इस चक्र में कुल 18 टेस्ट खेलने हैं जिसमें से 9 मैच अभी बाकी हैं। फाइनल की रेस में बने रहने के लिए भारत को इन बचे हुए 9 मैचों में से कम से कम 7 मैच जीतने होंगे। अगर भारतीय टीम 3 से ज्यादा मैच हारती है तो फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें लगभग खत्म हो जाएंगी। हालांकि अगर कुछ मैच ड्रॉ रहते हैं तो गणित थोड़ा बदल सकता है लेकिन जीतना सबसे सुरक्षित रास्ता है।
भारत के पास अब तीन अहम टेस्ट सीरीज बची हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में होने वाली 5 टेस्ट मैचों की सीरीज शामिल है जो 2027 में होनी है। इसके अलावा न्यूजीलैंड और श्रीलंका में दो-दो टेस्ट मैच खेलने हैं। अगर भारत को फाइनल का टिकट चाहिए तो उसे एक भी सीरीज गंवाने की गलती नहीं करनी होगी। आंकड़ों के मुताबिक अगर भारत बचे हुए मैचों में 6 से 7 मैच जीतता है तो उसका जीत प्रतिशत 60 के ऊपर रह सकता है जिससे फाइनल में पहुंचने की संभावना बनी रहेगी।
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