धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आगाज सोमवार को धर्मशाला के तपोवन में काफी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने प्रश्नकाल को दरकिनार करते हुए प्रदेश में टल रहे पंचायती राज चुनावों के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग उठा दी। विपक्ष के तेवरों को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी नरमी दिखाई और विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत लाए गए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। इसके बाद प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया गया और सदन में पंचायत चुनावों में हो रही देरी पर बहस शुरू हुई।
विपक्ष की आदत बन गया है काम रोको प्रस्ताव
चर्चा के लिए अपनी सहमति देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि हर सत्र में काम रोको प्रस्ताव लाना अब विपक्ष की आदत में शुमार हो चुका है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में विपक्ष की भावनाओं और सवालों का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से भाग नहीं रही है बल्कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने शर्त रखी कि चर्चा केवल कोरे आरोपों पर नहीं बल्कि तथ्यों और तर्कों के आधार पर होनी चाहिए।
आपदा का बहाना बनाकर हक छीन रही सरकार
विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत श्रीनयना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने की। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि आपदा का हवाला देकर पंचायत चुनाव टालना किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। रणधीर शर्मा ने दलील दी कि जब प्रदेश में सड़कें नहीं हुआ करती थीं तब भी मतदान होता था। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। शर्मा ने सरकार के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस मंडी जिले में आपदा ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी सरकार उसी मंडी में अपने तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है। यह दिखाता है कि सरकार आपदा को लेकर कितनी गंभीर है।
कोविड जैसी महामारी में भी हुए थे चुनाव
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरी तरह निराशाजनक रहा है और अब हार के डर से सरकार पंचायत चुनाव टालने के रास्ते खोज रही है। जयराम ठाकुर ने याद दिलाया कि आपदा से भी बड़ी विपदा कोविड महामारी थी। उस कठिन दौर में भी भाजपा सरकार ने जनवरी 2021 में पंचायती राज चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के नाम पर सिर्फ अव्यवस्था फैली है।
जश्न नहीं विजन का कार्यक्रम
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी में होने वाला कार्यक्रम कोई जश्न नहीं है बल्कि वह सरकार के विजन को जनता के सामने रखने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान और कानून की सबसे बड़ी रक्षक है और वह कानून के दायरे में रहकर ही काम करती है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आईना दिखाते हुए कहा कि पंचायत चुनाव कानून की परिधि में ही करवाए जाएंगे। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए पूछा कि शिमला नगर निगम के चुनाव में 9 महीने की देरी किसने की थी? उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में चुनाव टालने का काम किया था। सुक्खू ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा इस वक्त पांच अलग-अलग गुटों में बंटी हुई है और इसी आंतरिक कलह के कारण नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर हमेशा तनाव में रहते हैं।
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