नई दिल्ली: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में लिफ्ट के पास ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी. 2 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला यह हिमाचल हाट एक जीवंत बाज़ार के रूप में कार्य करेगा, जो प्रामाणिक हिमाचली उत्पादों को प्रदर्शित करेगा. यह HIMIRA ब्रांड के तहत ग्रामीण उद्यमियों, विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की आय, पहचान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा.
हिमाचल हाट को एक आधुनिक तन्यता संरचना के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें 24-25 दुकानें होंगी. ये दुकानें हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएंगी. यह ग्रामीण कला और शिल्प, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों और पारंपरिक हिमाचली व्यंजनों को एक छत के नीचे लाएगा, जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए एक स्थायी विपणन और आजीविका मंच उपलब्ध होगा.
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और HIMIRA ब्रांड के तहत उनके उत्पादों के विपणन द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “इन उत्पादों की बिक्री से स्वयं सहायता समूहों के लिए पहले ही 25 लाख रुपये की आय हुई है, जिसके आने वाले समय में काफी बढ़ने की उम्मीद है.” उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को फूड वैन भी प्रदान किए हैं, जिससे उन्हें प्रति माह लगभग 50,000 रुपये कमाने में मदद मिली है, और जल्द ही 60 अतिरिक्त फूड वैन वितरित करने की योजना है.
सुक्खू ने आगे कहा कि राज्य सरकार शिमला में लोगों के लिए सुविधाओं को उन्नत करने का काम कर रही है, जिसमें बिजली लाइनों को भूमिगत करने के लिए 145 करोड़ रुपये की लागत से एक यूटिलिटी डक्ट का निर्माण शामिल है. शहर में चौबीसों घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि यातायात की भीड़ को कम करने के लिए सर्कुलर रोड को डबल-लेन मार्ग में बदलने का काम प्रगति पर है. उन्होंने दोहराया कि सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है, और इन प्रयासों के परिणाम जल्द ही जनता को दिखाई देंगे.
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल हाट ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि हाट को 4,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और इसे आठ महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए महापौर सुरेंद्र चौहान और नगर निगम शिमला का भी आभार व्यक्त किया.
इस अवसर पर विधायक हरीश जनार्था और सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड नरेंद्र कंवर, सचिव राजेश शर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज निदेशक राघव शर्मा, सीईओ एसआरएलएम शिवम प्रताप सिंह के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे. यह पहल हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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