Delhi: लाल किले के पास आतंकी हमला, डॉक्टर नेटवर्क का पर्दाफाश

नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किला मेट्रो पार्किंग में हुए आतंकी धमाके के बाद, जांच एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसमें कई डॉक्टर और शिक्षाविद शामिल हैं। सोमवार को हुए इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए थे। अब तक की जांच में सात लोगों के इस टेरर नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत मिले हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां भी हुई हैं।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस नेटवर्क में सहारनपुर से गिरफ्तार आदिल अहमद, फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ पकड़ा गया मुजम्मिल शकील और लाल किला हमले का संदिग्ध फिदायीन उमर मोहम्मद शामिल हैं। इन सभी का संबंध फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से है, जो जांच के दायरे में आ गई है।

उमर मोहम्मद: लाल किले के फिदायीन हमले का संदिग्ध

पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर मोहम्मद को लाल किला मेट्रो पार्किंग में हुए हमले का फिदायीन माना जा रहा है। इस हमले में नौ लोगों ने जान गंवाई। उमर मोहम्मद फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाता था। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सोमवार को फरीदाबाद में की गई छापामारी से वह भाग निकला था, जिससे उस पर संदेह गहरा गया। जांचकर्ताओं का मानना है कि उसने ही लाल किला पार्किंग में विस्फोटक से भरी कार को धमाका करने के लिए इस्तेमाल किया।

मुजम्मिल शकील: विस्फोटक का विशाल जखीरा बरामद

सोमवार को फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर की पुलिस टीमों ने एक संयुक्त अभियान में मुजम्मिल शकील को पकड़ा। पुलवामा का रहने वाला यह शख्स भी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। मुजम्मिल की गिरफ्तारी सहारनपुर से पकड़े गए आदिल अहमद की निशानदेही पर हुई।

मुजम्मिल शकील ने फरीदाबाद के धौज इलाके में एक कमरा किराए पर ले रखा था। इस कमरे से 360 किलो विस्फोटक, 20 टाइमर, दो असॉल्ट राइफलें और अन्य सामग्री बरामद हुई। उसकी निशानदेही पर फरीदाबाद के एक गांव से 2560 किलो से ज्यादा विस्फोटक भी मिला, जिसे ले जाने के लिए एक ट्रक मंगाया गया था। कुल मिलाकर, फरीदाबाद से लगभग 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ, जो एक बड़े आतंकी हमले की साजिश की ओर इशारा करता है।

आदिल अहमद: जैश-ए-मोहम्मद से संबंध

आदिल अहमद अनंतनाग के एक अस्पताल में सीनियर डॉक्टर है। उस पर 19 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने का आरोप है। सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान होने के बाद उसे 6 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। आदिल अहमद राठर 24 अक्टूबर, 2024 तक अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट रह चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि नौकरी छोड़ने के बावजूद, उसके मेडिकल कॉलेज के लॉकर से एक असॉल्ट राइफल और कुछ अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया। उसकी निशानदेही पर ही फरीदाबाद में मुजम्मिल शकील को पकड़ा गया।

डॉक्टर शाहीन: एके-47 वाली कार की कहानी

पुलिस ने 7 नवंबर को महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को अल फलाह यूनिवर्सिटी से हिरासत में लिया। आरोप है कि उसने डॉक्टर मुजम्मिल शकील को अपनी कार (मारुति सुजुकी स्विफ्ट) उपलब्ध कराई थी। यह वही मुजम्मिल अहमद है जिसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इस कार में से एके-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया था। शाहीन लखनऊ के लाल बाग की रहने वाली है। पुलिस ने एक मस्जिद के इमाम और एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया है, जिन्होंने डॉक्टरों को विस्फोटक सामग्री छिपाने के लिए मकान किराए पर दिए थे। हालांकि, इमाम की पत्नी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने इमाम के परिवार के सभी फोन जब्त कर लिए हैं।

यह खुलासा देश की राजधानी में एक बड़े आतंकी खतरे का संकेत देता है और यह भी दर्शाता है कि कैसे आतंकी संगठन समाज के शिक्षित वर्ग को अपने नापाक मंसूबों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही हैं ताकि इसके पीछे के सभी साजिशकर्ताओं और उनके उद्देश्यों का पता लगाया जा सके।

 

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