शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों में आपराधिक मामलों की सुनवाई हर दिन करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श के लिए हाई कोर्ट के दो न्यायाधीशों की एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में न्यायाधीश सुशील कुकरेजा और न्यायाधीश राकेश कैंथला को शामिल किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बनाम मीर उस्मान मामले का निपटारा करते हुए प्रत्येक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपने प्रशासनिक पक्ष से संबंधित जिला न्यायपालिका को एक सर्कुलर जारी करने का निर्देश देने को कहा है.
जांच या ट्रायल की कार्यवाही तेजी से होगी
इसमें कहा गया है कि हर आपराधिक मामले की जांच या ट्रायल की कार्यवाही तेजी से की जाएगी. जब गवाहों की जांच का चरण शुरू होता है, तो ऐसी जांच हर दिन जारी रहेगी जब तक कि उपस्थित सभी गवाहों की जांच नहीं हो जाती, सिवाय खास कारणों के जिन्हें लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा.
जब गवाह कोर्ट के सामने उपस्थित हों, तो उनकी जांच किए बिना कोई स्थगन या टालमटोल नहीं किया जाएगा, सिवाय खास कारणों के जिन्हें लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा.
वकील की सुविधा के लिए स्थगन नहीं देगा
कोर्ट संबंधित वकील की सुविधा के लिए स्थगन नहीं देगा, सिवाय बहुत ही असाधारण आधारों के जैसे परिवार में किसी की मृत्यु और इसी तरह के असाधारण कारण जो दस्तावेजों द्वारा ठीक से समर्थित हों. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक वकील की अन्यथा असुविधा आपराधिक मामले की शीघ्र सुनवाई के कानून को दरकिनार करने के उद्देश्य से विशेष कारण नहीं मानी जानी चाहिए.