चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि चूंकि कई राजनीतिक दल भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर आपत्तियां उठा रहे हैं, इसलिए संवैधानिक निकाय को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
आज यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ईसीआई की कार्रवाइयां, विशेष रूप से एसआईआर, लोकतंत्र की आवाज को दबाने के उद्देश्य से ‘वोट चोरी’ के रूप में नहीं दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मूक दर्शक बनने के बजाय, ईसीआई को विपक्ष द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ईसीआई विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा उठाई जा रही सभी चिंताओं का जवाब देने के लिए कर्तव्यबद्ध है ताकि लोकतंत्र में जनता का विश्वास मजबूत हो।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत, राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने के बहाने पंजाब को प्रदूषण के लिए बदनाम किया जाता है, जबकि वास्तविकता पूरी तरह से अलग है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अभी भी लगभग 90 लाख मीट्रिक टन (LMT) फसल अनाज मंडियों में आनी बाकी है, तो राज्य में पराली कहां जलाई गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब को दोषी ठहराने वाले यह भूल जाते हैं कि हरियाणा राज्य और राष्ट्रीय राजधानी के बीच आता है, जबकि वे इस अराजकता के लिए इसका नाम नहीं लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने नेताओं से स्पष्ट रूप से पूछा कि आजकल दिल्ली का एक्यूआई इतना खराब क्यों है, जबकि राज्य में धान की पराली नहीं जलाई जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के अन्नदाताओं को बदनाम किया जा रहा है, जबकि केंद्र द्वारा कोई विकल्प नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम सुनिश्चित कर सकते हैं, लेकिन कई राज्यों से जुड़े इस प्रमुख मुद्दे के बारे में कम चिंतित हैं। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि बाढ़ की तबाही के बावजूद पंजाब राष्ट्रीय पूल में 170 एलएमटी धान का योगदान दे रहा है, लेकिन केंद्र इसकी कभी सराहना नहीं करता है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया, खासकर इस गंभीर संकट की घड़ी में। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा बाढ़ राहत के लिए घोषित 1600 करोड़ रुपये राज्य को अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं और स्थिति को और बिगाड़ने के लिए केंद्र सरकार अन्य चल रही योजनाओं से भी इन निधियों को समायोजित करने की कोशिश कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार को देश के अन्न भंडार और तलवार बाजू वाले राज्य के साथ इस दुर्व्यवहार को बंद करना चाहिए।
एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद वह प्रधानमंत्री से नहीं मिल पाए हैं, क्योंकि वह जाहिर तौर पर बिहार में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के समक्ष बाढ़ के मुद्दों को उठाना चाहते थे और उन्हें श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस मनाने के कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित भी करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री बिहार में व्यस्त हैं, इसलिए वे चुनाव वाले राज्य का दौरा करने और वहां उनसे मिलने के लिए भी तैयार हैं ताकि राज्य के मुद्दों को उजागर किया जा सके।
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