US: यूक्रेन युद्ध में शांति वार्ता के संकेत, जेलेंस्की ट्रंप के प्रस्ताव पर सहमत

नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, जिसमें कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में वर्तमान मोर्चा (फ्रंटलाइन) को ही बातचीत की शुरुआत का आधार बनाया जाए। जेलेंस्की का यह बयान संभावित शांति वार्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

ट्रंप का प्रस्ताव और जेलेंस्की की प्रतिक्रिया

ओस्लो में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा, “ट्रंप ने प्रस्ताव दिया जहां हम हैं वहीं रहें और बातचीत शुरू करें।” उन्होंने इस प्रस्ताव को “एक अच्छा समझौता” बताया। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी संदेह व्यक्त किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे। जेलेंस्की ने यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं ट्रंप से इस मुद्दे पर बात की थी।

ट्रंप की शांति योजना और उसका उद्देश्य

डोनल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता शुरू कराने के लिए एक नई योजना पर काम कर रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मौजूदा मोर्चे से आगे किसी अन्य सैन्य कार्रवाई को रोकना है, जिससे युद्ध को और बढ़ने से रोका जा सके। ट्रंप का यह रुख ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं और संघर्ष को समाप्त करने के लिए विभिन्न राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं।

संभावित शांति वार्ता की उम्मीदें

जेलेंस्की के इस बयान को कई विशेषज्ञ संभावित शांति वार्ता की दिशा में पहला सकारात्मक संकेत मान रहे हैं। यह दर्शाता है कि यूक्रेन, युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत के विकल्पों पर विचार करने को तैयार है। हालांकि, पुतिन की प्रतिक्रिया और रूस के रुख पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। रूस ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यदि दोनों पक्ष इस प्रस्ताव पर सहमत होते हैं, तो यह युद्धग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

आगे की राह

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप की योजना पर रूस और यूक्रेन दोनों सहमत होते हैं। इस प्रस्ताव पर पुतिन का रुख और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया शांति वार्ता के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। युद्ध की स्थिति और जटिल भू-राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए, शांति प्रक्रिया की राह आसान नहीं होगी, लेकिन जेलेंस्की का यह बयान निश्चित रूप से एक नई उम्मीद जगाता है।

 

Pls read:US: H-1B वीजा पर ट्रंप के $100,00 सालाना फीस के फैसले को US चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कोर्ट में चुनौती दी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *