शिमला। शहरी और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्मानी ने मंगलवार को हिमुडा की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए घोषणा की कि हिमुडा स्टार्टअप और छात्र नवाचार नीति के तहत युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस नीति के तहत हिमुडा द्वारा एक वर्ष के लिए पच्चीस लाख रुपये का स्टार्टअप फंड आवंटित किया गया है। प्रत्येक पात्र स्टार्टअप प्रस्ताव को पांच लाख रुपये तक का वित्तपोषण प्राप्त होगा। इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य राज्य में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इस पहल से आर्थिक विकास में तेजी आने और रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है जो हिमाचल प्रदेश में एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मंत्री धर्मानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सतत विकास लक्ष्यों के साथ-साथ पूरे राज्य में सुव्यवस्थित विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने हिमुडा अधिकारियों को चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। राज्य की पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले के नरघोटा में एक पर्यटन गांव विकसित किया जाएगा। इसके अलावा हिमुडा को राज्य में पर्यटन की संभावनाओं को और बढ़ाने के लिए ‘आध्यात्मिक टाउनशिप’ परियोजनाओं के अवसरों का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।
मंत्री ने हिमाचल प्रदेश को एक आईटी हब के रूप में विकसित करने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और निर्देश दिया कि आईटी टाउनशिप परियोजनाओं पर काम जारी रहना चाहिए। शिमला में उन्होंने शहर में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से जठिया देवी में माउंटेन सिटी परियोजना की समीक्षा की। निजी भागीदारों के सहयोग से रियल एस्टेट परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई।
हिमुडा ने कई लंबे समय से गैर-कार्यरत पदों को सुव्यवस्थित किया है और अपने परिचालन ढांचे को मजबूत करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में छियालीस नए पद सृजित किए हैं।
बैठक में हिमुडा उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा मुख्य सचिव संजय गुप्ता सीईओ हिमुडा और सचिव डॉ सुरेंद्र कुमार वशिष्ठ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।