श्री आनंदपुर साहिब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को शिक्षकों से आह्वान किया कि वे युवा पीढ़ियों को राज्य की गौरवशाली विरासत से अवगत कराकर उसे चिरस्थायी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.
शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं और उन्हें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में युवा पीढ़ियों को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि 55 साल बाद राज्य सरकार ने आज श्री आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक जाने वाले हेरिटेज वॉकवे के निर्माण का काम शुरू किया है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षण कोई पेशा नहीं है बल्कि यह छात्रों को ज्ञान से रोशन करने का एक मिशन है. उन्होंने यह भी कहा कि एक शिक्षक का बेटा होने के नाते उन्हें इस बात की अच्छी जानकारी है कि शिक्षक छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाढ़ में 3200 सरकारी स्कूल तबाह हो गए, 19 कॉलेज बर्बाद हो गए, 8500 किलोमीटर सड़कें और 2500 पुल भी नष्ट हो गए. उन्होंने कहा कि बाढ़ में पांच लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई, लेकिन पंजाबियों ने इस प्राकृतिक आपदा से उबरने के लिए अनुकरणीय शौर्य का प्रदर्शन किया है. भगवंत सिंह मान ने प्राकृतिक आपदा के दौरान सराहनीय काम करने के लिए शिक्षकों की भी सराहना की और कहा कि वैश्विक इतिहास में ऐसे उदाहरण बहुत कम मिलते हैं.
पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने शिक्षकों को सम्मानित करके हमने राष्ट्र निर्माताओं के रूप में उनकी भूमिका को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि पहले के समय में, शिक्षक के लिए गुरु शब्द का इस्तेमाल किया जाता था क्योंकि यह दो संस्कृत शब्दों “गु” (अंधेरा) और “रु” (हटाने वाला) से आता है. इस प्रकार, भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु का अर्थ है वह जो अंधेरा हटाता है, दूसरे शब्दों में, एक शिक्षक का कर्तव्य अपने छात्रों के दिमाग को ज्ञान के प्रकाश से रोशन करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक एक छात्र के खाली दिमाग को तराश कर डॉक्टर, इंजीनियर और कलाकार बनाता है, ठीक वैसे ही जैसे एक मूर्तिकार अपनी उत्कृष्ट कृतियों को आकार देता है. उन्होंने कहा कि आज, राज्य सरकार भविष्य की पीढ़ियों के भाग्य को आकार देने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए विभिन्न श्रेणियों में 71 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित कर रही है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज पंजाब के सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षित शिक्षक हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 234 प्रधानाचार्यों और शिक्षा अधिकारियों को सिंगापुर में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिला है, 152 हेड टीचरों को आईआईएम अहमदाबाद में उन्नत कोचिंग मिली है और 144 प्राथमिक शिक्षकों ने फिनलैंड के तुर्कु विश्वविद्यालय में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अगला बैच जो प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाएगा, वह नवंबर के महीने में होगा, जिससे शिक्षकों की विशेषज्ञता को बढ़ाया जा सकेगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षकों को अपने प्राथमिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाने के लिए 1920 कैंपस मैनेजर नियुक्त किए गए हैं और पंजाब के बच्चों को उच्च उड़ान भरने और अपने सपनों को पूरा करने में मदद करने के लिए 2022 में एक “शिक्षा क्रांति” शुरू की गई थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिन पर अब पूरे देश में चर्चा हो रही है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में 118 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं, जिन पर हमने अब तक 231.74 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को वंचित बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक उल्लेखनीय शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है