देहरादून: एक तरफ देहरादून पुलिस सड़क पर शराब पीकर हुड़दंग करने वालों के विरुद्ध जोर-शोर से ऑपरेशन मर्यादा चलाने का दावा कर रही है और दूसरी ओर उसी के जिम्मेदार सड़कों पर मर्यादा तोड़ने का काम कर रहे हैं। यूं तो दून पुलिस पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं और खाकी का दामन भी दागदार होता रहा है, लेकिन बुधवार देर रात राजपुर रोड पर जो कुछ हुआ, उससे पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह सवालों में आ गई है।
जिस थानाध्यक्ष पर इलाके में कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी थी, वही शराब के नशे में धुत होकर राहगीरों को रौंदने निकल पड़ा। भले ही आरोपित दारोगा को निलंबित कर दिया गया हो, लेकिन इस घटना के बाद सवाल यही उठ रहा कि पुलिस पहले अपने कार्मिकों पर ऑपरेशन मर्यादा के तहत अभियान चला कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
बता दें कि सार्वजनिक स्थलों पर मर्यादा में न रहने वालों को सबक सिखाने के लिए दून पुलिस ने जुलाई में ऑपरेशन मर्यादा के तहत कार्रवाई शुरू की थी। जिसके तहत पुलिस ने सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों के साथ ही सड़क पर नशे में हुड़दंग काटने वालों और शांति व्यवस्था में खलल पैदा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की।
ऑपरेशन मर्यादा के तहत पुलिस अब तक 500 से अधिक चालान काट चुकी है और करीब 20 लाख से अधिक जुर्माना भी वसूल चुकी है, लेकिन अपने कार्मिकों के आगे वह मौन बनी रहती है। इसका ताजा प्रमाण बुधवार देर रात सामने आया।
इस घटना के बाद भी पुलिस ने आरोपित थानाध्यक्ष का बचाव कर उसे भीड़ से सुरक्षित निकालने का प्रयास किया, लेकिन घटना के वीडियो बन जाने और लोगों के आक्रोश के आगे पुलिस की एक न चली। अब आरोपित थानाध्यक्ष को निलंबित कर उसी के थाने में उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह है ऑपरेशन मर्यादा:
आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप के निर्देश पर दून पुलिस ने जिले में ऑपरेशन मर्यादा के तहत जुलाई से अभियान शुरू किया था। इस दौरान पुलिस ने उन स्थानों पर औचक छापेमारी की जहां शराब के शौकीनों के लिए पसंदीदा स्थान हैं। इन स्थानों में नदी और तालाब के किनारे वाले शांत क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं। पुलिस ने इन इलाकों की सड़कों पर भी अभियान के तहत कार्रवाई की। इस दौरान वाहनों की सघन चेकिंग कर शराब पीकर वाहन दौड़ा रहे लोगों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई अमल में लाई गई। कई वाहनों से पुलिस ने ब्लैक फिल्म भी उतरवाई।
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