नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई H-1B वीजा पॉलिसी, जिसमें हाई-स्किल्ड विदेशी वर्कर्स के लिए 100,000 डॉलर (लगभग 84 लाख रुपये) का भारी शुल्क लगाया गया था, ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी थी। इस फैसले से टेक इंडस्ट्री पहले ही चिंतित थी, लेकिन अब व्हाइट हाउस ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लेते हुए संकेत दिया है कि डॉक्टरों को इस शुल्क से छूट मिल सकती है।
ग्रामीण अमेरिका में डॉक्टरों की भारी कमी के बीच यह छूट एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, जहां विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ट्रंप प्रशासन के इस कदम ने न केवल कंपनियों को बल्कि मेडिकल क्षेत्र को भी चिंता में डाल दिया था। हालांकि, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रॉजर्स ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए बयान में स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के प्रोक्लेमेशन में “संभावित छूट” का प्रावधान है, जिसमें फिजिशियन और मेडिकल रेजिडेंट्स शामिल हो सकते हैं।
‘राष्ट्रीय हित में छूट संभव’
ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी हफ्ते में हस्ताक्षरित एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि यूएस होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी यह तय करें कि किसी व्यक्ति, कंपनी या इंडस्ट्री के लिए वर्कर्स को हायर करना “राष्ट्रीय हित” में है, तो 100,000 डॉलर का शुल्क माफ किया जा सकता है।
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