कोरोना महामारी को लेकर राहत की खबर है कि देश में अब वायरस के दूसरे स्वरूप (म्यूटेशन) गायब होने लगे हैं। हालांकि, दोबारा से संक्रमित करने वाला डेल्टा या फिर इससे जुड़े अन्य म्यूटेशन चिंता का सबब बने हुए हैं। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में 1,15,101 सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग करने में कामयाबी मिल चुकी है। इनमें से 45,394 (69 फीसदी) में गंभीर श्रेणी के म्यूटेशन मिले हैं। इनमें से 41 हजार नमूनों में डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे आक्रामक म्यूटेशन दिखाई दिए हैं। 28,820 में डेल्टा, 5,450 में डेल्टा प्लस और 6,611 में एवाई श्रेणी के म्यूटेशन मिले हैं।