मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य गवाह विधि मुखर्जी ने मुंबई की एक विशेष CBI अदालत में हलफनामा दाखिल कर सनसनीखेज खुलासे किए हैं। मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की बेटी विधि ने दावा किया है कि CBI ने उनकी मां की गिरफ्तारी के बाद 2015 में उनका बयान दबाव में दर्ज किया था। यह बयान उनकी दो दिन पहले की गवाही से पूरी तरह उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि CBI की चार्जशीट में उनके नाम पर दर्ज दस्तावेज जाली और मनगढ़ंत थे। इस यू-टर्न ने शीना बोरा हत्याकांड को और पेचीदा बना दिया है।
स्पेन में रहने वाली 28 वर्षीय विधि छुट्टियों में मुंबई आती हैं और उन्होंने तीन दिनों तक गवाह के तौर पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2022 में यह हलफनामा तैयार किया था, ताकि अगर वह अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न हो पाएं, तो इसे दाखिल किया जा सके।
CBI पर विधि के गंभीर आरोप
विधि ने अपने हलफनामे में बताया कि जब उनकी मां इंद्राणी को गिरफ्तार किया गया था, तब वह केवल 18 साल की थीं। उस समय वह मुंबई के वर्ली में मार्लो बिल्डिंग में अपने सौतेले पिता पीटर मुखर्जी, उनके परिवार और पीटर के बेटे राहुल के साथ रहती थीं। विधि ने कहा, “मैं उस वक्त पूरी तरह डरी हुई और परेशान थी। CBI ने मेरे बयान को उस माहौल में दर्ज किया।” यह दावा उनके पहले के बयान के बिल्कुल विपरीत है, जहां उन्होंने CBI के दस्तावेजों को जाली करार दिया था।विधि ने यह भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों ने उनसे कोरे कागजों और ईमेल की कॉपियों सहित कई दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए थे, जिन्हें बाद में उनके बयान के रूप में पेश किया गया।
परिवार के रिश्तों और राहुल पर आरोप
विधि ने अपने हलफनामे में परिवार के आपसी रिश्तों पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि इंद्राणी (जिन्होंने बाद में पीटर मुखर्जी से शादी की और 2019 में तलाक हो गया) ने कभी शीना को अपनी बहन (दीदी) कहने के लिए मजबूर नहीं किया। शीना, इंद्राणी की पहली शादी से बेटी थीं। विधि ने बताया कि वह राहुल और रबिन (पीटर के पहले विवाह से बेटे) को अपने भाई मानती थीं, लेकिन राहुल ने कभी उन्हें या शीना को बहन की तरह नहीं देखा।
विधि ने दावा किया कि राहुल को इंद्राणी और पीटर की शादी से नाराजगी थी। इंद्राणी को राहुल के लिए हमेशा चिंता रहती थी, लेकिन राहुल ने उनकी इस चिंता को गलत समझा। विधि ने यह भी कहा कि राहुल ने 2009 से 2012 तक शीना को परिवार से दूर रखा और उनकी जासूसी करता था।
राहुल पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए विधि ने कहा कि राहुल ने 2015 में इंद्राणी की गिरफ्तारी के बाद उन पर दबाव डाला कि वह उसकी बातों का समर्थन करें। विधि ने इस बात का भी खंडन किया कि उन्होंने कभी शीना को इंद्राणी से खतरे की चेतावनी दी थी, जैसा कि राहुल ने अदालत में दावा किया था। इसके अलावा, विधि ने कहा कि इंद्राणी ने कभी यह नहीं बताया कि शीना अमेरिका में पढ़ रही हैं या वहां किसी डायमंड मर्चेंट से शादी की है, जैसा कि अभियोजन पक्ष ने दावा किया है।
विधि मुखर्जी ने यह भी दावा किया कि राहुल और राबिन ने इंद्राणी मुखर्जी के करोड़ों रुपये के पुश्तैनी गहने और बैंक में रखी 7 करोड़ रुपये से अधिक की रकम चोरी कर ली थी, जब इंद्राणी गिरफ्तार हुई थीं।
‘डेविल्स डॉटर’ किताब पर अफसोस
गुरुवार को पीटर मुखर्जी के वकील मंजुला राव ने विधि से उनकी किताब “डेविल्स डॉटर” के बारे में सवाल किए। विधि ने कहा कि वह अब इस किताब के कंटेंट से सहमत नहीं हैं और पिछले चार साल से उन्हें इसे लिखने का अफसोस है। जब पूछा गया कि उन्होंने किताब का प्रकाशन क्यों नहीं रोका, तो विधि ने बताया कि पब्लिशिंग हाउस बंद हो चुका था। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना चाहती थीं कि किताब का कंटेंट गलत है, लेकिन ऐसा कर नहीं पाईं
शीना बोरा हत्याकांड: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 24 वर्षीय शीना बोरा की 24 अप्रैल 2012 को मुंबई में इंद्राणी मुखर्जी, उनके ड्राइवर श्यामवर राय (जो बाद में सरकारी गवाह बन गए) और संजीव खन्ना ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शीना की लाश को जलाकर रायगढ़ के जंगल में फेंक दिया गया था। इस मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस ने की थी, फिर इसे CBI को सौंप दिया गया।
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