शिमला: हिमाचल प्रदेश में हरित परिवहन प्रणाली को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. 327 इलेक्ट्रिक बसों के सुचारू संचालन के लिए 53 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 110.95 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. कुल 90 संभावित स्थलों का सर्वेक्षण किया गया, जिनमें से 46 स्थानों को अंतिम रूप दिया गया है. प्राथमिकता के आधार पर, शिमला लोकल, ठियोग बस स्टैंड, नूरपुर, फतेहपुर, धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ, हमीरपुर, हमीरपुर बस स्टैंड, नादौन बस स्टैंड, नया इलेक्ट्रिक डिपो नादौन, ऊना, बंगाना, अंब, बिलासपुर, घुमारवीं, सुंदरनगर, जोगिंदरनगर, मंडी, अर्की, परवाणू, नालागढ़, नाहन, पांवटा साहिब, श्री रेणुकाजी, कुल्लू, मनाली, चंबा, भरमौर, डलहौजी, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, रिकांग पेओ और केलांग सहित 34 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है. इस परियोजना के माध्यम से, राज्य सरकार न केवल पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित कर रही है, बल्कि रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नए अवसर भी पैदा कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि चार्जिंग स्टेशनों के लिए विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा की जाएगी, जबकि सिविल कार्य हिमाचल प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन और विकास प्राधिकरण (एचपी बीएसएम एंड डीए) द्वारा किए जाएंगे. परियोजना को दो चरणों में निष्पादित किया जाएगा ताकि ई-बसों के पहले बेड़े के आने से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल राज्य की परिवहन प्रणाली को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी, बल्कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं को भी मजबूत करेगी.