फिरोजपुर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के लिए दिए जाने वाले अपर्याप्त मुआवजे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भारत सरकार (GoI) से राहत मानदंडों में ऊपर की ओर संशोधन करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने फिरोजपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का नाव से दौरा कर जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लिया।
एसडीआरएफ मानदंडों में संशोधन की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में पर्याप्त धन उपलब्ध है, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित मौजूदा मानदंड किसानों, पशुधन मालिकों और कमजोर समुदायों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए पूरी तरह से अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि अधिसूचित मानदंड किसानों द्वारा फसल उगाने के लिए कृषि इनपुट की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि की तुलना में वास्तविक नुकसान के संबंध में पूरी तरह से अवास्तविक हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को उनके नुकसान के लिए प्रति एकड़ मुआवजा बहुत कम है।
किसानों के लिए ₹50,000 प्रति एकड़ मुआवजे की मांग
अधिकारियों के साथ नाव में सवार होकर मुख्यमंत्री ने गट्टी राजो की गांव का दौरा किया और कहा कि बाढ़ से फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है, जो लगभग कटाई के चरण में हैं, इसलिए किसानों को कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ का भुगतान किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है और मौजूदा ₹4 लाख से मृतक व्यक्तियों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि (Ex-Gratia payment) को ₹8 लाख तक बढ़ाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है। इसी तरह, उन्होंने कहा कि अंग या आंख (आंखों) के नुकसान के लिए अनुग्रह राशि को मौजूदा ₹74,000 प्रति व्यक्ति (जब विकलांगता 40% और 60% के बीच हो) से ₹1.50 लाख और मौजूदा ₹2.50 लाख से ₹5 लाख प्रति व्यक्ति (जब विकलांगता 60% से अधिक हो) तक बढ़ाने की मांग की गई है।
केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समय-समय पर केंद्र सरकार के साथ किसानों को वितरित की जाने वाली राहत राशि बढ़ाने का मुद्दा उठाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने कल उन्हें फोन किया था जिसके बाद उन्होंने उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की कठिनाइयों से पूरी तरह वाकिफ है और बचाव और राहत उपायों के माध्यम से उन्हें मदद पहुंचा रही है।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध उन्हें इस प्राकृतिक त्रासदी के पीड़ितों की मदद करने से रोक रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संकट की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ितों को उचित मुआवजा देने के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, और उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर भारत सरकार के पास अटके ₹60,000 करोड़ जारी करने का आग्रह किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हाल की बाढ़ ने राज्य भर के 1300 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है और लाखों लोगों को प्रभावित किया है।
व्यापक नुकसान और आगे की चुनौतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी मानसूनी बारिश, बांधों से पानी छोड़ने के साथ, 10 से अधिक जिलों में व्यापक बाढ़ का कारण बनी है। उन्होंने कहा कि स्थिति अभी भी विकसित हो रही है क्योंकि गंभीर चिंता है कि आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वर्तमान में, लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान के खेत, बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे कटाई से कुछ सप्ताह पहले फसलों का विनाशकारी नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन का व्यापक नुकसान हुआ है, जो ग्रामीण परिवारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है जिनकी आजीविका डेयरी और पशुपालन पर बहुत अधिक निर्भर करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए कठिन प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को उनके द्वारा इन क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि इस त्रासदी के पीड़ितों को हुए नुकसान का ठीक से आकलन किया जा सके और उन्हें तत्काल राहत सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को गांवों के निवासियों को हुए नुकसान का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया ताकि उन्हें इसके लिए उचित मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में लोगों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और राज्य सरकार लोगों को समय पर राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए, भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हाल के इतिहास में बाढ़ के कारण संपत्ति और फसलों का सबसे बड़ा नुकसान था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं सभी राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन कठिन समय में लोगों की मदद करने में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को ऐसी चुनौतियों का बहादुरी से सामना करने की अदम्य भावना का आशीर्वाद मिला है और राज्य सरकार के प्रयासों से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है और अब समय आ गया है कि राज्य को उसका वैध अधिकार दिया जाए।
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