देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने आगामी दिनों के लिए मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए और कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को निरंतर मुस्तैद रखा जाए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि आपदा संवेदनशील क्षेत्रों में जान-माल की सुरक्षा के सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं और आपदा प्रभावितों को तत्परता से हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाए।
उच्चाधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आपदा परिचालन केंद्र से जुड़े शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जिलों के जिलाधिकारियों से आपदा प्रभावित इलाकों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आपदा पर किसी का जोर नहीं है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव टीमें तुरंत ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर सराहनीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने सभी विभागों को निरंतर इसी तरह की तत्परता एवं बेहतर समन्वय के साथ प्रभावितों की मदद में जुटे रहने के निर्देश दिए।
उत्तरकाशी में नदी के प्रवाह को बनाए रखने पर जोर
उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि मलबे के कारण वहां नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। उन्होंने नदी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए निकाले गए मलबे को नदी किनारे से हटाकर अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान में डंप करने का निर्देश दिया, ताकि बारिश होने पर यह मलबा पुनः नदी में जाकर अवरोध पैदा न कर सके।
चारधाम यात्रा और सड़कों की बहाली पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश कम होने के बाद चारधाम यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, साथ ही त्योहारों का मौसम भी आ रहा है। इसे देखते हुए सड़कों के सुधार एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि सड़कों की मरम्मत हेतु टेंडर सहित अन्य औपचारिकताएं तुरंत पूरा कर समय से आवश्यक कार्य संपन्न करा लिए जाएं।
राहत कार्यों में तेजी और समन्वय पर बल
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विगत दिनों में घटित आपदा में क्षति की जानकारी ली। उन्होंने अवरुद्ध सड़कों को जल्द खोलने, पानी तथा विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विगत दिवस घटित आपदा में घायल पशुओं के उपचार के लिए पशुपालन विभाग को सभी गांवों में डॉक्टरों की टीम भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि राहत व बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर से अपेक्षित किसी भी प्रकार के सहयोग की शासन से बेझिझक मांग करें। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को निर्देश दिए कि आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जनपदों से की जाने वाली मांग पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आवश्यक धनराशि जारी कर दें।
नदी-नालों की निगरानी और अतिक्रमण पर रोक
मुख्यमंत्री ने नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि नदियों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। खतरे की आशंका होने पर नदी के आसपास रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी-नालों के किनारों पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
बांधों के प्रबंधन और पूर्व सूचना पर जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थित बांधों पर हर समय सिंचाई विभाग के अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि बांध से यदि पानी छोड़े जाने की पूर्व सूचना नियमित तौर पर जिला प्रशासन को दी जाए। अपरिहार्य परिस्थिति में बांध से अधिक पानी छोड़े जाने की दशा में जान-माल की सुरक्षा के लिए समय रहते इंतजाम कर लिए जाएं।
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