चंबा: मणिमहेश यात्रा के दौरान अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को आज एक और व्यक्ति मृत मिला है। एसडीआरएफ की टीम ने वाया कुगती परिक्रमा मार्ग से आठ लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है, लेकिन इस अभियान के दौरान एक और व्यक्ति का शव भी बरामद हुआ है।
मौत का कारण: भारी बारिश, भूस्खलन और सांस लेने में दिक्कत
पिछले दिनों हुई भारी बारिश के दौरान 12 श्रद्धालुओं की जान गई है, जबकि इससे पहले 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। इन मौतों का मुख्य कारण सांस लेने में दिक्कत (ऊंचाई संबंधी बीमारियां) और भूस्खलन बताया जा रहा है। यात्रा के दौरान कठिन मौसम और दुर्गम रास्तों ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
एसडीआरएफ एसपी अर्जित सेन ने बताया कि एक अन्य टीम कुगती मार्ग से परिक्रमा वाले रास्ते पर भी पहुंची। इस टीम ने राहत अभियान के दौरान 8 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया और एक शव बरामद किया।
दुर्गम क्षेत्र में राहत कार्य के लिए पोर्टरों की मांग
दुर्गम क्षेत्रों में राहत कार्य को गति देने के लिए एसडीआरएफ ने पोर्टरों की सहायता की मांग भी की है। इसका उद्देश्य सामग्री और उपकरण ऊंचाई वाले इलाकों तक पहुंचाना है, जहां पैदल पहुंचना बेहद मुश्किल है। पोर्टरों की मदद से राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाया जा सकेगा।
गौरीकुंड में 32 लोग एसडीआरएफ की निगरानी में
गौरीकुंड क्षेत्र में एसडीआरएफ की एक टीम तैनात की गई है, जिसके पास सैटेलाइट फोन उपलब्ध हैं, जिससे लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है। टीम ने सूचना दी है कि वहां लगभग 32 लोग मौजूद हैं, जो मुख्य रूप से टेंट लगाने का कार्य करते हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं और एसडीआरएफ की निगरानी में हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। यह जानकारी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की स्थिति पर निरंतर निगरानी और सहायता प्रदान करने के प्रयासों को दर्शाती है।