Himachal: हिमाचल में बारिश से 339 सड़कें बंद, अब तक 295 की मौत

शिमला, 23 अगस्त 2025: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य में सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप पड़ गई है। इससे लोगों की दुश्वारियां काफी बढ़ गई हैं। शनिवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में एक नेशनल हाईवे सहित कुल 339 सड़कें बंद थीं। इसके अलावा, 172 बिजली ट्रांसफार्मर और 133 जल आपूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। मंडी और कुल्लू जिले में सड़कों के बंद होने की संख्या सबसे अधिक है, जो इन क्षेत्रों में स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

राज्य के कई भागों में रात से ही बारिश जारी है। मंडी के बालीचौकी उपमंडल के मुख्य बाजार में बीती रात दो लोगों का 30 कमरों का मकान भरभरा कर जमींदोज हो गया। गनीमत यह रही कि मकान को पहले ही खाली करवा लिया गया था, जिससे किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मकान गिरने का लाइव वीडियो भी सामने आया है, जो तबाही की भयावहता को दिखाता है।

भारी बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य के कई भागों में 29 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 23 से 26 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि 27 और 29 अगस्त तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। आज (शनिवार) कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 24 अगस्त के लिए मंडी व शिमला, 25 के लिए शिमला व सिरमौर, जबकि 26 अगस्त के लिए ऊना व मंडी जिले में येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात को नादौन में 58.6 मिमी, जोगिंद्रनगर में 45.0 मिमी, जटोन बैराज में 44.2 मिमी और कांगड़ा में 35.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। उपमंडल अंब के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टकारला में शनिवार सुबह हुई बारिश से जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे दिक्कते बढ़ गई हैं।

मानसून में अब तक 295 लोगों की जान गई
प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 22 अगस्त तक) में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 295 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इस दौरान 350 लोग घायल हुए हैं और 37 लोग अभी भी लापता हैं। सड़क हादसों में 144 लोगों की मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 3,367 कच्चे-पक्के घरों और दुकानों को क्षति हुई है। 2,685 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 1,821 पालतू पशुओं की मौत हुई है। राज्य को हुए नुकसान का कुल आंकड़ा 2,32,610.94 लाख रुपये तक पहुंच गया है, जो एक बड़ी आर्थिक क्षति है। 

भूस्खलन से सड़क बंद, गाड़ी निकालने के लिए तार स्पैन का सहारा
कुल्लू जिले की लगघाटी की ग्राम पंचायत मानगढ़ में जनजीवन भारी बारिश के चलते अस्त-व्यस्त है। कई जगह सड़कों के टूटने से लोगों की गाड़ियां फंस गई हैं। क्षतिग्रस्त हुई नागूझौड़-दोघरी-समाणा सड़क पर फंसी एक गाड़ी को गांव वासियों की मदद से तार स्पैन के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया। वहीं, उपमंडल बंगाणा क्षेत्र में शनिवार सुबह साढ़े सात बजे से भारी बारिश शुरू हो गई थी, जिससे स्कूली विद्यार्थियों को भीगते हुए पेपर देने के लिए स्कूल पहुंचना पड़ा। 

लगातार बारिश ने ऊना में मक्की की फसल तबाह की
लगातार जारी बारिश किसानों के लिए अब राहत नहीं, बल्कि आफत बन चुकी है। ऊना में अगेती मक्की की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों को अब डर सता रहा है कि कहीं आलू की फसल भी इस बारिश की भेंट न चढ़ जाए। आलू का बीज बुक कराने वाले किसान दुविधा में हैं, क्योंकि इस मौसम में बुवाई का जोखिम लेना मुश्किल लग रहा है। किसानों का कहना है कि पिछले साल 20 से 22 अगस्त तक वे बीज मंगा चुके थे और 27-28 तारीख तक बिजाई भी कर दी थी, लेकिन इस बार लगातार बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। किसानों का कहना है कि अगर मौसम ने अब भी साथ नहीं दिया तो उन्हें भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा।

 

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