Himachal: विधानसभा में बिजली बिलों को लेकर हंगामा, सीएम और विधायकों के गलत बिल दिखाए जाने पर जांच के आदेश – The Hill News

Himachal: विधानसभा में बिजली बिलों को लेकर हंगामा, सीएम और विधायकों के गलत बिल दिखाए जाने पर जांच के आदेश

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को मंत्री, कैबिनेट रैंक नेताओं और मुख्यमंत्री के बिजली बिलों के गत दिवस पेश किए गए आंकड़ों पर खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक आरएस बाली ने बिजली के गलत बिल दिए जाने के मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है, और कहा है कि इस तरह की लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान रघुबीर सिंह बाली ने अपने सरकारी आवास से जुड़े 6.78 लाख रुपये के बिजली बिल दिए जाने का मामला उठाया। बाली ने सदन में कहा कि मंगलवार को एक सवाल के उत्तर में विभाग के अधिकारियों की ओर से उनके सरकारी आवास से जुड़े बिजली के बिल की जो जानकारी दी गई थी, वह गलत है। उन्होंने बताया कि 14 महीने का बिजली बिल पहले 6.78 लाख रुपये दिखाया गया, जबकि वास्तव में यह बिल 1.68 लाख रुपये है। रघुबीर सिंह बाली ने मांग की है कि जिन अधिकारियों की ओर से यह गलत आंकड़े दर्शाए गए हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी रघुबीर सिंह बाली के विषय पर विभाग की ओर से गलत आंकड़े दिए जाने की बात स्वीकार की। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके सरकारी आवास ‘ओकओवर’ का बिजली का बिल भी ज्यादा दिखाया गया है। ओकओवर का बिल 3.76 लाख रुपये दिखाया गया था, जबकि यह बिल वास्तव में 1.43 लाख रुपये है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने माना कि यह गलती लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के स्तर पर हुई है।

बिजली बिल मामले की होगी जांच: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक रघुवीर सिंह बाली का बिल छह लाख रुपये से अधिक दिखाया गया है, जबकि वह शिमला में ज्यादा रहते भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बिल में पिछला एरियर भी जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में सरकार स्मार्ट और प्रीपेड मीटर लगाएगी, ताकि उपभोक्ताओं को सही और पारदर्शी हिसाब मिल सके।

अध्यक्ष बोले, कार्रवाई होगी व विधानसभा रिकॉर्ड भी अपडेट होगा

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस विषय पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि विधायक की ओर से उठाए गए विषय पर कार्रवाई की जाएगी और साथ ही जल्द ही विधानसभा का रिकॉर्ड भी अपडेट किया जाएगा। इस घटना ने सरकारी विभागों में डेटा प्रबंधन और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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