शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भी सदन में हंगामा जारी रहा। प्रश्नकाल के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नौकरियों, विशेषकर ‘जॉब ट्रेनी पॉलिसी’ और बेरोजगारी के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक देखने को मिली। प्रदेश में नौकरियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दी गई नौकरियों का हिसाब मांगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विधायक विक्रम सिंह ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक साल में एक लाख और पांच साल में पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने “झूठी गारंटी” देकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया है।
जब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू विपक्ष के सवालों का जवाब देने लगे और एक-एक कर नौकरियों की संख्या गिनाने लगे, तो विपक्ष ने उनके दावों को “झूठे आंकड़े” करार दिया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस और नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा के विधायक विरोध स्वरूप नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
सदन से बाहर निकलने के बाद भी विपक्षी सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नौकरियों के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास जारी रखा। विपक्ष का कहना है कि सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है और युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें गुमराह कर रही है। वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि सरकार पारदर्शिता के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है और विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ के लिए हंगामा कर रहा है। विधानसभा सत्र के शेष दिनों में भी नौकरियों और विकास से जुड़े मुद्दों पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तल्खी बने रहने की संभावना है।
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