नई दिल्ली। पाकिस्तान इन दिनों कुदरत के भीषण कहर से जूझ रहा है। देश अपने इतिहास की सबसे घातक मॉनसूनी बारिश की चपेट में है, जिसके कारण जून के अंत से अब तक कम से कम 657 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 1,000 लोग घायल हुए हैं। लगातार बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने पूरे देश में तबाही मचाई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 26 जून से अब तक बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मारे गए 657 लोगों में 171 बच्चे और 94 महिलाएं शामिल थीं। सभी प्रांतों में, खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां 390 लोगों की जान गई है, जिनमें 288 पुरुष, 59 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं।
अन्य प्रांतों में भी भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। पंजाब में 164 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश बच्चे थे। इसके अलावा, सिंध में 28, बलूचिस्तान में 20, पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में 32, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 15 और इस्लामाबाद में बारिश से संबंधित आपदाओं में आठ लोगों की मौत हुई।
आगे भी भारी बारिश की चेतावनी
एनडीएमए के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र (एनईओसी) ने कई क्षेत्रों, विशेषकर पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, पीओके और सिंध के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए एक आपातकालीन चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी खैबर पख्तूनख्वा में व्यापक विनाश के बाद जारी की गई है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के मुताबिक, शुक्रवार को बादल फटने, बिजली गिरने और अचानक आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या 323 हो गई, जिसमें आपदा के केंद्र बुनेर जिले में अकेले 209 मौतें हुई हैं।
कई बस्तियों से संपर्क टूटा
प्रमुख पाकिस्तानी दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एनडीएमए के अध्यक्ष इनाम हैदर के हवाले से बताया कि “अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण पीओजीबी और खैबर पख्तूनख्वा की कई बस्तियों से संपर्क टूट गया है। लापता लोगों की तलाश जारी है और कल और राहत सामग्री भेजी जाएगी।” एनडीएमए ने नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और बदलते मौसम के मद्देनजर सतर्क रहने की सलाह दी है।
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