टिहरी। टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर एक नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा की युवा नेत्री इशिता सजवाण निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गई हैं। यह तब हुआ जब भाजपा ने संख्या बल अपने पक्ष में न देखकर अपनी पूर्व घोषित प्रत्याशी सोना सजवाण का टिकट आखिरी समय में बदलकर इशिता को अपना अधिकृत उम्मीदवार बना दिया, जिन्होंने बतौर निर्दलीय अपना नामांकन दाखिल किया था।
संख्या बल ने बदला पूरा खेल
दरअसल, यह पूरा सियासी ड्रामा संख्या बल पर आधारित था। वर्तमान समय में 45 सदस्यीय टिहरी जिला पंचायत में कांग्रेस समर्थित 14, भाजपा समर्थित 13 और 18 निर्दलीय सदस्य हैं। युवा नेत्री इशिता सजवाण ने बतौर निर्दलीय जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया था, लेकिन भाजपा से जुड़ी होने के बावजूद उनके पक्ष में पार्टी के कई सदस्यों के साथ-साथ अधिकांश निर्दलीय सदस्य भी आ गए थे, जिससे उनका पलड़ा भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी सोना सजवाण से कहीं ज्यादा भारी हो गया था।
भाजपा का यू-टर्न और इशिता की ताजपोशी
अपनी अधिकृत प्रत्याशी सोना सजवाण की कमजोर स्थिति और इशिता के बढ़ते समर्थन को भांपते हुए भाजपा ने मंगलवार, 12 अगस्त को एक बड़ा और निर्णायक फैसला लिया। पार्टी ने नाटकीय ढंग से अपना टिकट बदलते हुए इशिता सजवाण को अपना नया उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद, सोना सजवाण ने अपना नाम वापस ले लिया, जिससे इशिता के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया।
कौन हैं इशिता सजवाण?
इशिता सजवाण की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद, उन्होंने टिहरी में एक संस्था बनाकर सामाजिक कार्यों में अपनी पहचान बनाई थी। हाल ही में हुए जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भी उन्होंने चंबा ब्लॉक के कोट वार्ड से भारी बहुमत से एकतरफा जीत दर्ज की थी। भाजपा की युवा राजनीति में इसे उनकी एक धमाकेदार शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर इस निर्विरोध चयन के साथ ही भाजपा ने राज्य के पांच जिलों में अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमा लिया है। इसके अलावा, मंगलवार को भाजपा के पांच और सोमवार को 11 ब्लॉक प्रमुख भी निर्विरोध निर्वाचित हुए, जो स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।