उत्तरकाशी/हर्षिल। धराली-हर्षिल क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। इस आपदा के कारण हर्षिल हेलीपैड के पास भागीरथी नदी पर बनी खतरनाक झील को नियंत्रित तरीके से खोलने के प्रयासों के बीच, जिलाधिकारी (DM) प्रशांत आर्य ने नेतृत्व की एक अनूठी मिसाल पेश की है। वह न केवल मौके पर रहकर व्यवस्थाओं का निर्देशन कर रहे हैं, बल्कि आज खुद फावड़ा उठाकर कर्मचारियों के साथ काम में जुट गए, जिससे उनका मनोबल काफी बढ़ गया।
विदित हो कि धराली-हर्षिल में आई आपदा के कारण भागीरथी नदी का प्रवाह बाधित हो गया था, जिससे हर्षिल हेलीपैड के निकट एक विशाल झील बन गई है। इस झील के अनियंत्रित रूप से टूटने के खतरे को देखते हुए, उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVN) और सिंचाई विभाग की टीमें इसे नियंत्रित तरीके से खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं, ताकि निचले इलाकों को किसी भी संभावित खतरे से बचाया जा सके।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य 5 अगस्त से स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और आपदा पीड़ितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए सभी व्यवस्थाओं का लगातार निर्देशन कर रहे हैं। आज जब वह झील को मैनुअल तरीके से खोलने वाले स्थान का निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने कर्मचारियों को कड़ी मेहनत करते देखा।
इसके बाद, उन्होंने केवल निर्देश देने के बजाय खुद फावड़ा उठाया और झील का मुहाना खोलने में लगे कार्मिकों के साथ हाथ बंटाने लगे। जिलाधिकारी को अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते देख कर्मचारियों में एक नया उत्साह और जोश भर गया।
गौरतलब है कि हर्षिल हेलीपैड पर बनी झील को नियंत्रित ढंग से खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं, ताकि किसी भी बड़ी अप्रिय घटना को टाला जा सके। जिलाधिकारी की इस पहल ने न केवल राहत कार्यों में तेजी लाने की उम्मीद जगाई है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन का हर स्तर जनता के साथ खड़ा है।