नाहन।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग-707 पर सोमवार सुबह एक बार फिर भारी भूस्खलन ने यातायात को पूरी तरह से ठप कर दिया। कफोटा उपमंडल के हैवना के समीप कालीढांग में हुए इस भूस्खलन के कारण हाईवे सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक, लगभग तीन घंटे के लिए बंद रहा।
मलबे की चपेट में आए वाहन, दहशत में आए लोग
जिस समय पहाड़ी से अचानक मलबा और चट्टानें खिसकना शुरू हुईं, उस वक्त वहां से गुजर रही एक बोलेरो गाड़ी और एक ट्रक इसकी चपेट में आ गए। बोलेरो गाड़ी स्वास्थ्य विभाग, पांवटा साहिब की बताई जा रही है। गनीमत यह रही कि दोनों वाहनों में सवार लोग पत्थर और मलबा गिरता देख तुरंत गाड़ियां छोड़कर बाहर निकल गए, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि, अपनी आंखों के सामने वाहनों को मलबे में दबता देख लोग दहशत में आ गए।
निर्माण कार्य और बारिश बनी मुसीबत
यह राष्ट्रीय राजमार्ग हिमाचल प्रदेश के पहले ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है और पिछले तीन वर्षों से इस पर निर्माण कार्य चल रहा है। इस वजह से यह मार्ग अक्सर भूस्खलन के कारण कहीं न कहीं बंद हो जाता है। इसके अलावा, जिला सिरमौर में पिछले एक महीने से हो रही भारी बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, जिसके चलते लोक निर्माण विभाग की दर्जनों सड़कें प्रतिदिन बंद हो रही हैं।
तीन घंटे तक फंसा रहा यातायात
सोमवार को हुए इस भूस्खलन के कारण पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें और भारी मलबा सड़क पर आ गया, जिससे यातायात पूरी तरह रुक गया। इस दौरान शिमला जिले से सेब और शिलाई विधानसभा क्षेत्र से सब्जियां लेकर मंडियों तक जा रहे कई ट्रक और यात्रियों से भरी बसें तीन घंटे तक फंसी रहीं।
उधर, कफोटा के एसडीएम ओपी ठाकुर ने बताया कि सूचना मिलते ही मशीनरी मौके पर भेज दी गई थी और हाईवे को तीन घंटे के भीतर यातायात के लिए बहाल कर दिया गया।
वहीं, शिलाई विधानसभा क्षेत्र के एक समाजसेवी नाथूराम चौहान ने बताया कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर रोज भूस्खलन हो रहा है। उन्होंने कहा, “आज भूस्खलन की चपेट में स्वास्थ्य विभाग की एक बोलेरो और एक टिप्पर आ गया। इस भूस्खलन से केवल 20 मिनट पहले मैं भी वहां से निकला था और मेरी गाड़ी पर भी पत्थर लगे, जिससे उसे काफी नुकसान पहुंचा है।” यह घटना इस निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने के खतरों को एक बार फिर उजागर करती है।