Himachal: पर्यावरण की रक्षक इको टास्क फोर्स बनी आपदा में ‘देवदूत’, भूस्खलन में फंसे यात्रियों को दी पनाह

शिमला।

राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए गठित इको टास्क फोर्स न केवल पारिस्थितिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, बल्कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन के दौरान राहत और पुनर्वास में भी अहम भूमिका निभा रही है।

133 इको टास्क फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल दीपक कुमार ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि 8 अगस्त 2025 को शाम करीब 4 बजे से हुई भारी बारिश के कारण, एक बड़े भूस्खलन ने मनाली-पंडोह राष्ट्रीय राजमार्ग को दोनों ओर से अवरुद्ध कर दिया, जिससे बड़ी संख्या में यात्री फंस गए।

उन्होंने बताया कि जलोगी में तैनात 133 इकोलॉजिकल टास्क फोर्स की ब्रावो कंपनी ने महिलाओं और बच्चों सहित फंसे हुए यात्रियों को हनोगी और थलोट के बीच स्थित सेना शिविर में ठहराया और उन्हें रात के लिए भोजन और आश्रय प्रदान किया। सड़क के यातायात के लिए खुलने के बाद ही यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए भेजा गया।

कर्नल दीपक कुमार ने कहा कि इकोलॉजिकल टास्क फोर्स ने राज्य में 6,000 हेक्टेयर क्षेत्र में 65 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं। यह टास्क फोर्स शिमला, मंडी, करसोग, नाचन, कुल्लू और सैंज जैसे क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान चलाती है, और स्थानीय वातावरण के लिए उपयुक्त प्रजातियों का चयन करती है।

इसके अतिरिक्त, यह टास्क फोर्स हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों को रोजगार प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

 

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