बलूचिस्तान।
पाकिस्तान का अशांत बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर हुए बम धमाके से दहल गया। रविवार को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने पटरी पर बम विस्फोट कर दिया। यह धमाका मस्तुंग जिले के स्पेजैंड स्टेशन के पास हुआ और इतना शक्तिशाली था कि ट्रेन की 6 बोगियां पटरी से उतर गईं। गनीमत यह रही कि इस बड़े हादसे में किसी भी यात्री की जान नहीं गई।
पटरी पर रखे बम से हुआ हादसा
पाकिस्तानी रेलवे के क्वेटा स्थित अधिकारी मोहम्मद काशिफ ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक सुनियोजित हमला था। उन्होंने कहा, “रेलवे ट्रैक पर बम रखा गया था। जब जाफर एक्सप्रेस वहां से गुजरी तो एक तेज धमाका हुआ, जिससे ट्रेन की 6 बोगियां पटरी से नीचे उतर गईं।” जिस समय यह हादसा हुआ, ट्रेन में लगभग 350 यात्री सवार थे, जो धमाके के बाद गहरे सदमे और दहशत में आ गए। धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी और ट्रेन में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
बचाव कार्य और ट्रेनें रद्द
घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंच गए। पूरे इलाके की घेराबंदी कर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया ताकि कोई और विस्फोटक न हो। इसके बाद, बचाव टीमों ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद पटरी से उतरी सभी बोगियों को वापस ट्रैक पर चढ़ाया।
पाकिस्तान रेलवे ने सभी 350 यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें एक दूसरी ट्रेन से वापस क्वेटा भेज दिया। यात्रियों को हुई असुविधा के लिए उनके टिकट रद्द कर दिए गए और पूरी राशि वापस कर दी गई है। इस हमले के बाद सुरक्षा कारणों से रेलवे ने 14 अगस्त तक जाफर एक्सप्रेस और बोलान मेल ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, स्थिति सामान्य होने पर 16 अगस्त से बोलान मेल कराची से अपनी यात्रा शुरू करेगी।
लगातार हो रहे हैं ट्रेनों पर हमले
बलूचिस्तान में ट्रेनों को निशाना बनाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह के हमलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। ठीक तीन दिन पहले भी जाफर एक्सप्रेस को सिबि के पास इसी तरह के एक धमाके से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब तक ट्रेन गुजर चुकी थी और एक बड़ा हादसा टल गया था। इससे पहले, 24 जुलाई को बोलान मेल में और 28 जुलाई को भी जाफर एक्सप्रेस में धमाके की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें ट्रेन पटरी से उतर गई थी। लगातार हो रहे ये हमले बलूचिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था और रेलवे नेटवर्क की कमजोरी को उजागर करते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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