US: ट्रंप का नया ‘टैरिफ बम’: चिप्स और सेमीकंडक्टर पर 100% शुल्क लगाने का एलान

नई दिल्ली। अपनी आक्रामक व्यापारिक नीतियों के लिए चर्चित अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा एलान किया है, जिससे वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल बाजार में खलबली मच सकती है। भारत पर हाल ही में टैरिफ बढ़ाने के बाद, ट्रंप ने अब कंप्यूटर चिप्स और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात पर 100 प्रतिशत का भारी-भरकम शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस फैसले का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ना तय माना जा रहा है।

यह घोषणा बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक के साथ ओवल ऑफिस में हुई एक मुलाकात के बाद की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “हम कंप्यूटर चिप्स और सेमीकंडक्टर पर लगभग 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं।” इस कदम का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

अमेरिकी कंपनियों को मिलेगी सशर्त छूट

हालांकि, इस कठोर फैसले के साथ ही ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण रियायत की भी बात की है। उन्होंने कहा कि यह भारी टैरिफ उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका की धरती पर ही सेमीकंडक्टर का उत्पादन करती हैं। इसका मतलब है कि जो कंपनियां ‘मेक इन अमेरिका’ की नीति का पालन करेंगी, उन्हें आयात शुल्क में छूट दी जाएगी। यह कदम स्पष्ट रूप से विदेशी निर्माताओं पर दबाव बनाने और कंपनियों को उत्पादन इकाइयां अमेरिका में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने की एक रणनीति है।

अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा सीधा असर

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले का सबसे बड़ा खामियाजा अमेरिकी जनता को भुगतना पड़ सकता है। आज के डिजिटल युग में सेमीकंडक्टर और कंप्यूटर चिप्स लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की जान हैं। मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, घरेलू उपकरण (जैसे फ्रिज, वॉशिंग मशीन) और अन्य कई आवश्यक वस्तुओं में इनका इस्तेमाल होता है। 100 प्रतिशत टैरिफ लगने से इन चिप्स को आयात करने वाली कंपनियों की लागत दोगुनी हो जाएगी। कंपनियां इस बढ़ी हुई लागत का बोझ सीधे उपभोक्ताओं पर डालेंगी, जिससे अमेरिका में इन सभी वस्तुओं की कीमतों में भारी उछाल आने की प्रबल संभावना है।

वैश्विक चिप बाजार पर क्या होगा असर?

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दुनिया पहले से ही सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग और आपूर्ति की चुनौतियों से जूझ रही है। कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया ने चिप्स की भारी कमी का संकट देखा था, जिससे ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ था। ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला एक बार फिर बाधित हो सकती है और बाजार में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भी 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया था, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। ट्रंप के ये लगातार आक्रामक टैरिफ निर्णय एक नए वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को जन्म दे रहे हैं।

 

Pls reaD:Russia: ट्रंप की धमकी का जवाब! रूस ने मिसाइल तैनाती से हटाई रोक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *