देहरादून/उत्तरकाशी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली में आई विनाशकारी आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। बुधवार को बचाव दलों ने आपदा प्रभावित इलाके से एक और शव बरामद किया। इस बीच, इस भीषण त्रासदी से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने राहत एवं बचाव अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक, सभी शीर्ष स्तर पर स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन सहित तमाम एजेंसियां युद्धस्तर पर बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने की समीक्षा, हर संभव मदद का दिया आश्वासन
आपदा की गंभीरता को देखते हुए, उत्तराखंड के सांसदों अनिल बलूनी, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत और अजय भट्ट ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। सांसदों के अनुसार, प्रधानमंत्री इस भीषण विपदा से अत्यंत मर्माहत, शोकाकुल और व्यथित हैं। वे स्वयं राहत कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार धराली सहित सभी आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और उत्तराखंड को इस संकट से बाहर निकालने के लिए हर संभव मदद दे रही है। उन्होंने सभी सांसदों को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में अतिवृष्टि और भूस्खलन से प्रभावित लोगों से संपर्क में रहने और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहने का निर्देश भी दिया।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने संभाला मोर्चा
उधर, देहरादून में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने भी राजभवन में शासन, पुलिस, सेना और आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि इस समय खोज, राहत एवं बचाव कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए किसी भी प्रकार के संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने आवश्यकता के अनुसार मशीनों और उपकरणों का त्वरित मोबिलाइजेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
वहीं, जमीनी स्तर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौसम की चुनौतियों के बावजूद खुद आपदाग्रस्त क्षेत्र धराली में मौजूद हैं। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें ढाढ़स बंधाया और अधिकारियों को राहत कार्यों में कोई भी कसर नहीं छोड़ने के सख्त निर्देश दिए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ इस आपदा से निपटने में जुटी हैं, ताकि प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके और स्थिति को सामान्य किया जा सके।
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